लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के भावी मंत्रिमंडल में इस बार मुसलमान मंत्री कौन होगा, इस पर मंथन चल रहा है. संगठन की ओर से इस बार अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष बासित अली का नाम मंत्री बनाने के लिए भेजे जाने की सूचना है. लेकिन पिछले 5 साल में जिस तरह से मोहसिन रजा ने भाजपा का पक्ष रखा है, उससे उनकी दावेदारी भी मजबूत है. हाल ही में एक सर्वे सामने आया है जिसमें यह बताया गया कि इस बार भाजपा को मुसलमानों का करीब आठ फीसदी वोट मिला है. ऐसे में भाजपा इस बार मुसलमानों में एक प्रभावी मंत्री बनाकर एक बड़ा संदेश देना चहती है. ताकि 2024 के चुनाव में भाजपा को और अधिक मुस्लिम वोट मिल सके.
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हाल ही में आए एक सर्वे में निजी एजेंसी का दावा है कि विधानसभा चुनाव 2022 में मुसलमानों ने भाजपा को करीब आठ प्रतिशत वोट दिया है. जबकि कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी को तीन-तीन प्रतिशत वोट दिए हैं. इस वजह से यह आंकड़ा भाजपा के लिए काफी आकर्षक है. इसलिए मंत्रिपरिषद में मुस्लिम को शामिल करना भाजपा के लिए एक चुनौती होगा.
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मोहसिन रजा का भी पक्ष मजबूत
शिया मुसलमान मोहसिन रजा उत्तर प्रदेश के वक्फ राज्य मंत्री हैं. वे 2017 में उत्तर प्रदेश में मंत्री बनाए गए थे, तब भाजपा के मुस्लिम चेहरों का अभाव था. मोहसिन रजा भाजपा की वरिष्ठ नेता नजमा हेपतुल्लाह के रिश्ते में दामाद हैं. 2017 में वे भाजपा के मीडिया पैनलिस्ट थे. लेकिन शपथ ग्रहण से एक दिन पहले उनको सूचना दी गई कि वे मंत्री बनाए जा रहे हैं. मंत्री बनने के बाद उन्होंने पिछले पांच साल में भाजपा सरकार का पक्ष मीडिया के सामने शानदार तरीके से रखा है. यह उनका मजबूत पक्ष है.
कुंवर बासित अली ने बड़ी संख्या में मुस्लिमों का भाजपा से जोड़ा
कुंवर बासित अली मेरठ के रहने वाले हैं और वे भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष हैं. वे सुन्नी मुसलमान हैं. उनकी कामयाबी यह है कि वे पिछले पांच साल में बड़ी संख्या में मुसलमानों को जोड़े हैं. लगभग 40 हजार मुसलमान भाजपा से जुड़ चुके हैं, इसलिए उनका दावा मजबूत है. माना जा रहा है कि भाजपा संगठन ने उनका नाम मंत्री पद के लिए भेजा है.
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