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प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने कहा, अखिलेश यादव कंफ्यूज हैं, पिता के हाथ से ही छीन लिया था मोबाइल

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह (state president bhupendra singh) ने बुधवार को कहा कि अखिलेश यादव एक कंफ्यूज व्यक्ति हैं. उन्होंने अपने पिता से मोबाइल छीन लिया था. 1992 से समाजवादी पार्टी में अध्यक्ष किस तरह से बने हैं. यह सब देख रहे हैं.

प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह
प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह

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Published : Sep 29, 2022, 9:42 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह (state president bhupendra singh) ने गुरूवार को कहा कि अखिलेश यादव एक कंफ्यूज व्यक्ति हैं. उन्होंने अपने पिता से मोबाइल छीन लिया था. 1992 से समाजवादी पार्टी में अध्यक्ष किस तरह से बने हैं. यह सब देख रहे हैं. लगातार गठबंधन के बावजूद उनको कोई लाभ नहीं होने जा रहा है. वह बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन करके भी हार गये और लगातार उनके गठबंधन का नतीजा हार में ही सामने आ रहा है. भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन जनता के साथ है और हम 2024 में फिर से बड़ी जीत हासिल करेंगे. सेवा पखवाड़े के तौर पर प्रबुद्धजनों के साथ आयोजित संगोष्ठी में कहीं. विश्वेश्वरैया हाल में आयोजित कार्यक्रम में मोदी@20 नाम से एक पुस्तक का भी विमोचन किया गया.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने कहा कि भाजपा सेवा पखवाड़ा मना रही है. हमने स्वास्थ्य केंद्रों पर रक्तदान शिविर किये हैं. हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 साल के सामाजिक जीवन की बात कर रहे हैं. जिसका विवरण इस पुस्तक में है. उनकी गौरवशाली यात्रा रही है. मोदी@20 की प्रस्तावना लता मंगेशकर द्वारा व्यक्त की गई है. ज़ब वह मुख्यमंत्री थे तब उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर के नाम पर अस्पताल का शुभारम्भ किया था.

बातचीत करते प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह

पुस्तक में दर्ज है कि वह जब मुख्यमंत्री बने तब किसी सदन के सदस्य नहीं थे. गुजरात को देश में विकास के नक्शे पर स्थापित किया. लोगों ने जब उनको जनादेश दिया था. इसी आधार पर 2019 में भी उनको दोबारा पूर्ण बहुमत दिया है. किताब में पीवी सिंधु ने लिखा है कि वह युवाओं के लिए प्रेरणा क्यों हैं. सिंधु ने उनकी प्रेरणा के विषय में बताया है. मोदी के 15 अगस्त के एक भाषण का उल्लेख किया. पुस्तक में लिखा है कि महिलाओं को अपने अधिकार के लिए लम्बी लड़ाई लड़ी गई है. महिला सशक्तकरण पर प्रधानमंत्री की व्यापक सोच की चर्चा की गई है. मोदी ने महिलाओं के लिए अलग दृष्टिकोण रखा है. हम समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति के अंत्योदय की कल्पना करते हैं. बेटी बचाओ बेटी बढ़ाओ योजना पर काम हुआ है. अध्याय चार में लेखक अमिश त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने भारत के सांस्कृतिक लोकचार का उदय किया. उदाहरण के तौर पर राम मंदिर का निर्माण, काशी विश्वनाथ काॅरिडोर का निर्माण, 21 जून को योग दिवस मनाए जाने में भी उनका योगदान है. गृहमंत्री अमित शाह ने लिखा है 1970 में उनकी यात्रा शुरू हुई. 1980 में संगठन के काम किये. महमंत्री संगठन भी रहे. अमित शाह कहते हैं कि मोदी, भाजपा औऱ भारत को एक लम्बी यात्रा करनी है.

उन्होंने बताया कि पांचवें अध्याय में लिखा है कि चुनाव लड़ने औऱ प्रचार का तरीका बदल दिया. चाय पर चर्चा औऱ मन की बात में वह लोगों से जुड़े हैं. लेखक सातवें अध्याय में कहते हैं कि स्टेच्यु आफ लिबर्टी औऱ शौचालय निर्माण इसका उदाहरण है. जीएसटी भी उनकी एक उपलब्धि है. समिका रवि नौवें अध्याय में लिखते हैं कि जन धन औऱ स्वच्छ भारत अभियान पर बात की गई है. इसी तरह से 10वें अध्याय में आर्थिक सुधार की बात की है. 11वें अध्याय में पर्यावरण पर बात की गई है.

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अनुपम खेर इस पुस्तक में लिखते हैं कि गुजरात के भूकंप में वह एक स्वयं सेवक की तरह जुट गए. उत्तराखंड त्रासदी में गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर गुजरात के लोगों की मदद की, जबकि कोविड में भी उन्होंने शानदार काम किया. स्वदेशी वैक्सीन बनाया गया.

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