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इस बार नहीं होगा CUCET, बीबीएयू खुद लेगा प्रवेश परीक्षा - उत्तर प्रदेश समाचार

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि इस साल केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CUCET) नहीं होगा. इसके साथ ही बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय में यूनिवर्सिटी के स्तर पर दाखिले लेने का रास्ता साफ हो गया है.

बीबीएयू
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Published : Jul 22, 2021, 2:08 PM IST

लखनऊ:बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रशासन ने साफ कर दिया है कि दाखिले प्रवेश परीक्षा से ही होंगे. इसका फार्मूला क्या होगा और किस तरीके से परीक्षा कराई जाएगी, इस पर अभी मंथन चल रहा है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने अक्टूबर में नए शैक्षिक सत्र को शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. इसको आधार बनाकर बीबीएयू प्रशासन दाखिले के कार्यक्रम पर मंथन कर रहा है.

बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया:

  • अगस्त के पहले- दूसरे सप्ताह में आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी.
  • आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे.
  • आवेदन के लिए 30 से 45 दिन का समय मिल सकता है.
  • सितंबर के तीसरे या चौथे सप्ताह में प्रवेश परीक्षा होने की उम्मीद है.

    बीबीएयू के कुलपति प्रोफेसर संजय सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते दाखिले की प्रक्रिया में काफी देरी हुई है. लेकिन, विश्वविद्यालय के स्तर पर पहले ही तैयारियां शुरू कर दी गई थी. ऐसे में ज्यादा परेशानी नहीं होनी है. फिलहाल, प्रवेश परीक्षा के मॉडल पर मंथन किया जा रहा है. एक फार्मूला यह भी है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के माध्यम से प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जा सके. अभी तक इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है.

    बीबीएयू की ओर से स्नातक से लेकर पीएचडी तक के लिए आवेदन लिए जाते हैं. पिछले वर्षों में यह प्रक्रिया अप्रैल माह में शुरू हो जाती थी, ऐसे में जुलाई तक सारे प्रवेश पूरे हो जाते. मौजूदा सत्र में महामारी के चलते इस प्रक्रिया को शुरू करने में देरी हुई है. विश्वविद्यालय में यूजी पीजी पीएचडी समेत सभी अन्य पाठ्यक्रमों की करीब 32 सौ सीटें हैं. 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देते हुए यह संख्या करीब 35 सौ के आसपास पहुंचती है. यह ब्योरा सत्र 2019-20 का है. ऐसे में सत्र 2021-22 के लिए होने वाले दाखिलों के समय सीट की संख्या में परिवर्तन देखने को मिल सकता है.

आमतौर पर यह होती है सीटों की स्थिति:

  • मुख्य कैंपस में 172 पीएचडी, 74 एमफिल, 1632 पीजी, 780 यूजी, इंटीग्रेटेड कोर्सों में 40 कुल लगभग 2800 सीटें हैं.
  • सेटेलाइट कैंपस में पीजी में 60, यूजी में 240, इंटीग्रेटेड में 60 कुल 360 सीटें हैं.

    बीए ऑनर्स, बीबीए ऑनर्स, बीबीए, बीटेक, बीबीए एलएलबी, बैचलर इन लाइब्रेरी साइंस, बैचलर इन वोकेशन, इंटीग्रेटिड बीएससी-एमएससी, बीएससी ऑनर्स (ज्योलाॅजी) जैसे कोर्स हैं. एमए के हिंदी, इकोनॉमिक्स, सोशियोलाॅजी, एजूकेशन जैसे कई जनरल कोर्स हैं. एमएससी में बायोटेक, जूलाॅजी, आईटी, मैथ, फिजिक्स, केमिस्ट्री, फूड साइंस, लाइफ साइंस जैसे कोर्स हैं. इसके अलावा एमसीए, एमबीए, एमटेक, एमफार्मा और तीन एलएलएम के कोर्स हैं. इसके अलावा एमएससी में कुछ और बेहतरीन कोर्स हैं. इनमें साइबर सिक्योरिटी, इंवायरमेंटल माइक्रोबायोलाॅजी, न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलाॅजी, इंफोरमेशन सिक्योरिटी, ब्रेन एंड काॅग्निशन साइंसेज और फाॅरेंसिक साइंस एंड क्रिमनोलाॅजी जैसे कोर्स शामिल हैं.

    इकोनॉमिक्स, मासकाॅम, आईटी, हिंदी, एजूकेशन, सोशियोलाॅजी, मैथ, स्टेट, पाॅलिटिकल साइंस, फिजिक्स, मैनेजमेंट, जूलाॅजी, केमिस्ट्री, लाॅ जैस विषयों समेत कुल 22 स्टेडी फील्ड की 98 पीएचडी सीट हैं. एक साल के एमफिल कोर्स में फिजिक्स, हिंदी, हिस्ट्री, मैनेजमेंट, एजूकेशन, इकोनॉमिक्स और सोशियालाॅजी समेत दस सब्जेक्ट में 92 सीट उपलब्ध हैं. खबर में सीटों की संख्या पिछले वर्ष की स्थिति के आधार पर दी गई है. नए सत्र में इनमें परिवर्तन देखने को मिल सकता है.

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