लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार के सत्ता में आने के बाद क्राइम कंट्रोल के लिए पुलिस अधिकारियों को एनकाउंटर की खुली छूट दे दी. जिसके बाद सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और मेरठ समेत प्रदेश के हर जिले में ताबड़तोड़ एनकाउंटर हुए. योगी सरकार के 3.5 साल के कार्यकाल में 6326 एनकाउंटर हुए हैं, जिसमें 13361 अपराधी गिरफ्तार हुए. जबकि, 124 अपराधियों को पुलिस ने ढेर कर दिया. सरकार के आकड़ों के मुताबिक, योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद से 9 अगस्त 2020 तक हुए एनकाउंटर्स में 894 पुलिसवाले घायल. जबकि, 13 पुलिस कर्मी शहीद हो गए. इनमें अकेले 8 पुलिस कर्मी कानपुर बिकरू कांड में शहीद हुए.
योगी सरकार के राज में अखिलेश सरकार के कार्यकाल से 7 गुना ज्यादा एनकाउंटर
प्रदेश में योगी सरकार राज में अखिलेश के कार्यकाल के मुकाबले 7 गुना ज्यादा एनकाउंटर हुए. प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार क्राइम कंट्रोल के लिए सबसे बढ़िया उपाय एनकाउंटर को मानती है. इसलिए सत्ता में आने के बाद ही सीएम योगी ने पुलिस को एनकाउंटर करने की खुली छूट दे दी. जिसके चलते पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ मुजफ्फरपुर और सहारनपुर जैसे जिलों में खूब एनकाउंटर हुए. प्रदेश की योगी सरकार के 3.5 साल के कार्यकाल में एनकाउंटर के दौरान 124 अपराधी ढेर हुए. इनमें सबसे ज्यादा 47 अल्पसंख्यक समुदाय से थे, जबकि 11 ब्राह्मण, 8 यादव और 58 अपराधी ठाकुर, वैश्य, पिछड़े, एससी और एसटी जाति के थे.
मेरठ जोन में सबसे ज्यादा हुए एनकाउंटर
योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद प्रदेश में सबसे ज्यादा एनकाउंटर मेरठ जोन में हुए. मेरठ जोन में 2070 कुल मुठभेड़ हुई, जिसमें 59 अपराधी पुलिस की गोली से मारे गए. जबकि, 3792 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद आगरा में 1422 एनकाउंटर हुए, इस दौरान 3693 अपराधी गिरफ्तार किए गए. जिनमें से 134 अपराधी को गोली लगने से घायल हुए, जबकि 11 अपराधियों को पुलिस ने मार गिराया. वहीं वाराणसी जोन में 11 बदमाश पुलिस एनकाउंटर मारे गए.