उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / city

गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल को लेकर ATS खंगाल रही यूपी कनेक्शन, इंट्रोगेशन रिपोर्ट का है इंतजार - ats investigating up connection

भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने के लिए बिहार में गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल के नाम से साजिश रची जा रही थी. मामले की जांच के लिए UP ATS लगातार बिहार पुलिस के संपर्क में है.

etv bharat
एटीएस

By

Published : Jul 25, 2022, 5:09 PM IST

लखनऊ: भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने के लिए बिहार में खतरनाक साजिश रची जा रही थी. इस साजिश को गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल नाम दिया गया था. माना जा रहा है कि इस खतरनाक अभियान के पैर उत्तर प्रदेश में भी फैले हुए हैं. पीएफआई सदस्यों को जेल से बेल दिलवाने वाले नूरुद्दीन की लखनऊ से गिरफ्तारी के बाद यूपी की सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ गई थी. अब यूपी एटीएस इस जांच में जुटी हुई है कि नूरुद्दीन ने यूपी में किन-किन लोगों की मदद की है और वो अभी कहां व क्या कर रहे हैं.

नूरुद्दीन की गिरफ्तारी के बाद ATS जांच में जुटी

फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल मामले में गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी मोहम्मद जलालुद्दीन और वकील नूरुद्दीन जंगी फिलहाल रिमांड पर हैं और दोनों से पूछताछ जारी है. इस पूछताछ पर यूपी एटीएस नजर रखे हुए हैं. यूपी एटीएस को शक है कि 16 जुलाई को लखनऊ के चारबाग स्थित मुस्लिम मुसाफिखाना से गिरफ्तार हुए पेशे से वकील नूरुद्दीन पहले भी लखनऊ समेत यूपी के कई जिलों में आ चुका है. इसी को लेकर यूपी एटीएस की टीम बिहार में डेरा डाली हुई है और गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल के यूपी कनेक्शन खंगाल रही है.

गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल
यूपी एटीएस के एडीजी नवीन अरोड़ा (UP ATS ADG Naveen Arora) ने बताया कि हम बिहार पुलिस के संपर्क में है. उनसे इंट्रोगेशन रिपोर्ट की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि बिहार के गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल के यूपी से किस कदर तार जुड़े हैं, वो तो एनआईए और बिहार पुलिस की पुछताछ के बाद ही सामने आएगा. कोर्ट ने दोनों आरोपियों की 48 घण्टे के लिए रिमांड दी है.
एटीएस
उन्होंने बताया कि नूरुद्दीन जंगी जो पेशे से वकील है और पीएफआई के सदस्यों को कानून के शिकंजे से बचाने के लिए यूपी समेत भारत के कई राज्यों में कोर्ट से उनकी बेल करवाने का काम करता है. उनके मुताबिक, नूरुद्दीन पहले भी कई बार लखनऊ आकर पीएफआई सदस्यों की कोर्ट से बेल करवाने और कोर्ट से संबन्धित कार्यों को निपटाने के लिए आया करता था. ऐसे में यह जांच की जाएगी की नूरुद्दीन ने बीते दिनों में किन-किन पीएफआई सदस्यों की बेल करवाई है और वो अब कहां है.
नूरुद्दीन के यूपी में कितने ठिकाने?
सूत्रों के मुताबिक, यूपी एटीएस लखनऊ समेत अन्य कई जिलों में नूरुद्दीन जंगी के ठिकानों की तलाश कर रही है. एटीएस को शक है कि नूरुद्दीन न सिर्फ पीएफआई के सदस्यों की बेल करवता था बल्कि उन्हें जेल से निकालने के बाद अपने ठिकानों में रुकने की जगह भी देता था. वहीं सूत्रों के मुताबिक, बिहार के गजवा-ए-हिंद व्हाट्सएप ग्रुप की ही तरह यूपी समेत कई राज्यों में आतंकी साजिश रची जाने के इनपुट मिलने पर यूपी एटीएस ने सोशल मीडिया की सर्विलांस बढ़ा दी है. इससे पहले यूपी एटीएस ने बीते दिनों बिहार में केंद्रीय एजेंसियों के साथ बैठक भी की थी. जिसमें यह सामने आया था कि यूपी, महाराष्ट्र और गुजरात समेत 4 राज्यों में गजवा-ए-हिंद जैसा सोशल मीडिया ग्रुप बनाया गया है, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों को जोड़ा जा रहा है.


इसे भी पढ़ेंःयूपी के प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों का समय बदला, जानिए नया शेड्यूल

बिहार पुलिस की ओर से पटना के फुलवारी शरीफ में छापेमारी की गई थी. छापेमारी में कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए थे. इन दस्तावेजों में एक डाक्यूमेंट मिला था, जिसका का टाइटल था 'विजन 2047 इंडिया', जिसमें गजवा-ए-हिंद के तहत इस्लामिक देशों से सहायता प्राप्त भारतीय मुसलमानों की ओर से भारतीय राज्य पर सशस्त्र हमले की बात कही गई है. यही नहीं पुलिस ने पीएफआई के कई पर्चे भी बरामद किए हैं. इसके बाद से बिहार, बंगाल और यूपी से साजिशकर्ताओं की गिरफ्तारी हो रही हैं.

दरअसल, कट्टर विचारधारा को फॉलो करने वाले आतंकियों गजवा-ए-हिंद का ख्वाब संजोए अपने मिशन पर काम करते हैं. गज़वा-ए-हिंद को सीधे शब्दों में समझे
तो गजवा-ए-हिंद भारत से आखिरी लड़ाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह कहा जाता है कि भारत से एक न एक दिन अंतिम युद्ध होगा और इस युद्ध में हिंद को हरा दिया जाएगा और इस जंग को ही गजवा-ए-हिंद का नाम दिया गया है.

मतलब है कि गजवा-ए-हिंद का मतलब भारत में युद्ध के जरिए इस्लामिक स्टेट कायम करना है. माना जाता है कि इस्लाम की स्थापना का अर्थ सिर्फ इस्लामिक सरकार की स्थापना भर नहीं है, इस्लाम का विस्तार भी है. पाकिस्तान का बड़ा वर्ग गजवा-ए-हिंद की विचारधारा का समर्थन करता है. गजवा-ए-हिंद के नाम पर ही आतंकियों को लड़ने के लिए तैयार किया जाता है. इस रास्ते पर चलने वाले लोगों को गाजी कहा जाता है. गाजी वो होते हैं, जो इस्लाम के विस्तार के लिए युद्ध करते हैं.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details