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देश का लोकतंत्र जब-जब खतरे में पड़ा अटल सामने आए: योगी - यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अटल जी का भारतीय राजनीति में अलग स्थान था. उन्होंने सत्ता पक्ष में और विपक्ष में रहते हुए जनमानस पर अपनी छाप छोड़ी.

देश का लोकतंत्र जब-जब खतरे में पड़ा अटल सामने आए: योगी
देश का लोकतंत्र जब-जब खतरे में पड़ा अटल सामने आए: योगी

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Published : Aug 16, 2021, 8:39 PM IST

लखनऊ : पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई की तीसरी पुण्यतिथि पर कंवेंशन सेंटर में एक भव्य कार्यक्रम के दौरान उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गयी. इस मौके अटल जी के जीवन पर आधारित एकल नाटक का मंचन हुआ.

कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से कवि अटल को याद किया. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह मौजूद रहे.

देश का लोकतंत्र जब-जब खतरे में पड़ा अटल सामने आए: योगी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अटल जी का भारतीय राजनीति में अलग स्थान था. उन्होंने सत्ता पक्ष में और विपक्ष में रहते हुए जनमानस पर अपनी छाप छोड़ी.

देश में एक स्थाई सरकार देने का श्रेय भी अटल जी को ही जाता है. भाजपा कहती है कि व्यक्ति से बड़ा दल और दल से बड़ा देश. यह बात अटल बिहारी बाजपेई ने कही थी. देश हित में निर्णय लेने के लिए जब लोकतंत्र खतरे में था, तब जनता पार्टी के लोकतंत्र बचाओ अभियान से जुड़कर इस देश में लोकतंत्र को बचाया.

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इससे पहले देश के अंदर जब जबरन युद्ध थोपा गया, तब अटल सामने आए. जब देश राजनीतिक अस्थिरता से गुजर रहा था, तब अटल जी ने देश को राजनीतिक स्थिरता देने का काम किया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल जी ने अपने नाम के अनुरूप काम किया. वह अपने कर्म एवं वचन से अटल थे. उनका कहना था कि सिद्धान्त विहीन राजनीति मौत का फंदा है. राजनीति व्यक्तिगत कल्याण के लिए नहीं होनी चाहिए.

राजनीति किसी जाति, धर्म, समाज और क्षेत्र के दायरे में नहीं बंध सकती. अटल जी के नाम पर प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों पर अटल आवासीय विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं.

डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि अटल जी को निकट से देखने का हम सबको सौभाग्य प्राप्त हुआ है. लखनऊ के रग-रग से अटल जी की यादें जुड़ीं हैं. अटल जी ऐसे राजनेता थे जिनकी छाप लखनऊ ही नहीं बल्कि पूरे देश के लोगों पर पड़ी.

कार्यक्रम आयोजक कानून मंत्री बृजेश पाठक ने भी अटल जी को याद किया. कहा कि बाहर के किसी व्यक्ति से हम लोग कहते हैं कि लखनऊ से आया हूं तो वह पूछते हैं कि अटल के लखनऊ से? अटल जी का लखनऊ के बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक से जुड़ाव रहा.

इस कार्यक्रम में शहर के विभिन्न क्षेत्रों के लोग शामिल हुए. वहीं, अटल के साथ काम करने वाले लोगों को अटल फाउंडेशन की तरफ से सम्मानित भी किया गया.

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