लखनऊ: यूपी में एम्बुलेंस सेवा में बड़ा सुधार होने जा रहा है. यहां मरीजों को मिनटों में ही एम्बुलेंस मिल सकेगी. इसके लिए ओला-ऊबर की तर्ज पर एम्बुलेंस चलेंगी. सरकारी एम्बुलेंस बेड़े में प्राइवेट एम्बुलेंस वेंडर को भी जोड़ा जाएगा. ऐसे में मरीज की कॉल आने पर सम्बंधित लोकेशन में तैनात एम्बुलेंस मरीज को लेने पहुंचेगी. इसका भुगतान सरकार करेगी.
मुख्यमंत्री ने एसजीपीजीआई, केजीएमयू, लोहिया संस्थान के डॉक्टरों की कमेटी का गठन किया है. यह कमेटी यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए नीति बना रही है. कमेटी के सदस्य डॉ पीके दास के मुताबिक राज्य में बड़ी आबादी है. इसे समय पर एम्बुलेंस मुहैया करा पाना बड़ी चुनौती है. सरकारी बेड़े में नई एम्बुलेंस खरीदी जाती हैं.
वहीं पुरानी खराब होने की वजह से हटानी पड़ रही हैं. ऐसे में करोड़ों ख़र्च के बावजूद वाहनों की संख्या में भारी इजाफा नहीं हो पा रहा है. ऐसे में एम्बुलेंस सेवा ओला-ऊबर की तर्ज पर संचालन करने की योजना बनाई जा रही है. इसमें प्राइवेट वेंडर्स को शामिल किया जाएगा. उन्हें एम्बुलेंस के साथ-साथ ट्रेंड स्टाफ तय मानक के अनुसार रखने होंगे. यह एम्बुलेंस विभिन्न लोकेशन में तैनात रहेंगी. फोन करने पर तुरंत एम्बुलेंस मिल सकेगी. वेंडर्स को प्रति मरीज भुगतान सरकार करेगी.
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किस सेवा से कितने मरीजों को मिलता लाभ:राज्य में तीन तरह की एंबुलेंस सेवा संचालित हैं. इसमें 108 इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा के 2200 वाहन हैं. इससे रोज औसतन 9500 मरीज अस्पताल शिफ्ट किए जाते हैं. वहीं गर्भवती, प्रसूता ,बनवजात को अस्पताल पहुंचाने के लिए 102 एंबुलेंस सेवा है. इसके राज्यभर में 2270 वाहन संचालित हैं. इस एम्बुलेन्स से रोज औसतन 9500 मरीज जाते हैं. गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेटर युक्त एंबुलेंस 75 जनपदों में 250 तैनात की गई हैं. इससे 500 के करीब मरीजों की मदद की जाती रही. इन सभी एंबुलेंस के संचालन की बागडोर निजी कंपनी के पास है.
812 नई एम्बुलेंस से मरीजों को मिलेगी राहत:यूपी में सौ दिन के भीतर एम्बुलेंस का बेड़ा बढ़ाने की योजना बनाई गई थी. इसके लिए 812 एम्बुलेंस को मंजूरी मिली हैं. यह एम्बुलेंस वर्कशॉप में तैयार हो गई है. जल्द ही इन्हें हरी झंडी दिखाई जाएगी. ऐसे में राज्य में एम्बुलेंस का बेड़ा 5 हजार पार कर जाएगा. एम्बुलेंस की संख्या बढ़ने से मरीजों को समय पर वाहन मिल सकेंगे.
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