लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (allahabad high court lucknow bench) ने सोमवार को गोंडा के नवाबगंज थाने में हाल ही में हिरासत में हुई मौत के मामले में राज्य सरकार से जवाबी हलफ़नामा तलब किया. न्यायालय ने मामले में मैजिस्ट्रियल जांच की रिपोर्ट अगली सुनवाई पर सील बंद लिफ़ाफ़े में पेश करने के आदेश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी.
गोंडा में पुलिस कस्टडी में मौत के मामले में यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति संजय कुमार पचौरी की खंडपीठ ने मामले में अभियुक्त बनाए गए, नवाबगंज थाने के तत्कालीन एसएचओ तेज प्रताप सिंह की याचिका पर पारित किया. याची के अधिवक्ता शचीन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि याचिका में कहा गया है कि देव नारायण उर्फ देवा से जब पूछताछ चल रही थी तब याची पूछताछ में मौजूद नहीं था, बल्कि वह अपने कार्यालय में देव नारायण उर्फ देवा के पिता, ताऊ व फूफा के साथ बैठा था.