लखनऊ: समाजवादी पार्टी की विधानसभा चुनाव 2022 (assembly election 2022) में हुई हार को लेकर अखिलेश यादव शनिवार की दोपहर बैठे तो थे समीक्षा करने के लिए मगर उनका पूरा ध्यान राज्य सरकार और भारतीय जनता पार्टी की खामियां गिनाने में लगे रहे. उन्होंने सपा की हार को प्रशासनिक अमले की मिलीभगत, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अफवाहों और चुनाव आयोग की खामियों की वजह बताया.
अखिलेश यादव ने सपा के प्रदर्शन को अच्छा बताते हुए कहा कि हमारे सभी प्रत्याशी अच्छा लड़े हैं और बहुत कम अंतर से हारे हैं. उन्होंने सभी को 2024 के लोकसभा और 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए अभी से जुट जाने के लिए अपील की.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Former Chief Minister Akhilesh Yadav) ने कहा है कि पांच वर्ष और दो महीनों की भाजपा सरकार के रवैये में पहले से कोई बदलाव नहीं आया है. प्रदेश में विकास और निवेश की झूठी कहानी गढ़ी जा रही है. नौजवानों और किसानों के साथ धोखा किया गया है. कानून व्यवस्था का कहीं अता-पता नहीं हैं. राज्य की भोली-भाली जनता को झूठे किस्से-कहानी सुनाकर गुमराह किया जा रहा है. भाजपा का यह पुराना एजेण्डा है. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी दी है कि वे भाजपा के दुष्प्रचार का हर स्तर पर मजबूती से पर्दाफाश करें.
अखिलेश यादव यहां समाजवादी पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में विधानसभा चुनाव-2022 में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों, प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय और प्रदेश अध्यक्षों और कुछ प्रमुख जिलाध्यक्षों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे. बैठक में विधानसभा चुनाव की समीक्षा के साथ 2024 के लोकसभा और 2027 के विधानसभा चुनावों की रणनीति पर भी चर्चा हुई.
यादव ने कहा कि भाजपा को संविधान की प्रस्तावना में उल्लिखित समाजवाद, लोकतंत्र और पंथनिरपेक्षता पर विश्वास नहीं है. भाजपा संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का काम कर रही है. गांव-गरीब उसकी प्राथमिकता में नहीं है. भाजपा समाज में नफरत और तनाव फैलाकर राज कर रही है.