लखनऊ : मऊ में पूर्व ब्लाॅक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड (Ajit Singh murder case) के मुख्य आरोपित कन्हैया विश्वकर्मा उर्फ गिरधारी के एनकाउंटर में उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) को जांच आयोग ने क्लीन चिट दे दी है. न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त पीके जायसवाल की इस जांच रिपोर्ट को गुरुवार को विधान परिषद में रखा गया, जिसमें यह बताया गया है कि ऐसे कोई साक्ष्य सामने नहीं आए जिससे यह पता चल सके कि यह एनकाउंटर फर्जी था और पुलिस ने जानबूझकर किया था.
गिरधारी के एनकाउंटर में जांच आयोग ने लखनऊ पुलिस को दी क्लीन चिट - 6 जनवरी 2021 को अजीत सिंह हत्याकांड
मऊ में पूर्व ब्लाॅक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड (Ajit Singh murder case) के मुख्य आरोपित कन्हैया विश्वकर्मा उर्फ गिरधारी के एनकाउंटर में उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) को जांच आयोग ने क्लीन चिट दे दी है. न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त पीके जायसवाल की इस जांच रिपोर्ट को गुरुवार को रखा गया.
6 जनवरी 2021 को मऊ के पूर्व ब्लाॅक प्रमुख अजित सिंह का कठौता चौराहे के पास मर्डर कर दिया गया था. कन्हैया विश्वकर्मा उर्फ गिरधारी को मुख्य आरोपी बनाया गया था. पुलिस की कहानी थी कि 14 फरवरी 2021 को जब हत्या में प्रयुक्त असलहे की निशानदेही के लिए आरोपी को ले जाया जा रहा था, तब ना केवल उसने भागने की कोशिश की बल्कि पुलिस के अधिकारियों पर हमला भी बोला था. जिस पर पुलिस ने उसका एनकाउंटर कर दिया था.
एनकाउंटर को लेकर अदालत में डीसीपी पूर्वी संजीव सुमन व प्रभारी निरीक्षक विभूतिखंड चंद्रशेखर सिंह व अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमे की अर्जी दाखिल की गई थी. यह अर्जी आजमगढ़ के वकील सर्वजीत यादव की ओर से वकील आदेश सिंह व प्रांशु अग्रवाल ने दाखिल की थी. अर्जी में पुलिसकर्मियों पर गिरधारी की हत्या का आरोप लगाया गया था. यह भी कहा गया है कि हत्या के जुर्म से बचने के लिए कुछ मिथ्या लेखन कर सरकारी दस्तावेज तैयार किए गए थे. लिहाजा इनके खिलाफ सुसंगत धाराओं में एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया जाए. सीजेएम सुशील कुमारी ने फिलहाल इस अर्जी पर थाना विभूतिखंड से रिपोर्ट तलब करने का आदेश दिया था. इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति पीके जायसवाल ने इस पूरे मामले की जांच की थी.
सदन में रखी गई रिपोर्ट के निष्कर्ष :यह प्रकट होता है कि जब पुलिस दल आरोपी कन्हैया विश्वकर्मा उर्फ गिरधारी उर्फ डॉक्टर को पुलिस थाना विभूतिखंड में खरगापुर रेलवे क्राॅसिंग ले जा रहे थे और शस्त्र प्राप्ति के लिए स्थान पर पहुंचने के पश्चात उस पुलिस वाहन से उतरते समय जिस में वह बैठा था, अचानक से एक पुलिसकर्मी अख्तर सईद उस्मानी पर हमला बोल दिया. जिसके बाद चोट लगने के कारण वह जमीन पर गिर गये और आंशिक रूप से अचेत हो गये. आरोपी मृतक ने इस स्थिति का लाभ लेते हुए आंशिक रूप से अचेत पुलिसकर्मी की रिवाल्वर को छीन लिया और भागने लगा.
पुलिस द्वारा पीछा करने पर उसने गोलियां चलाना शुरू कर दीं और पुलिस की चेतावनी पर कोई ध्यान नहीं दिया. उसने एक पुलिसकर्मी को घायल कर दिया, इस प्रकार आत्मरक्षा में पुलिस ने उस पर गोलियां चलाईं, जिससे वह घायल हो गया था. उसे राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय, लखनऊ ले जाया गया था, जहां उपचार के दौरान उसे मृत घोषित कर दिया गया था.
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