लखनऊ : कोविड और मंकीपॉक्स के बाद अब टोमैटो फ्लू के मरीज आ रहे हैं. हालांकि अभी प्रदेश में इसके एक भी मरीज नहीं हैं, लेकिन यह पूरी तरह से मंकीपॉक्स से अलग है. इसमें मरीज को लाल चकत्ते पड़ जाते हैं, दाने हो जाते हैं, लेकिन इसके जो लाल चकत्ते हैं वह एक-दो दिन में बड़े दाने का रूप ले लेते हैं. यह एक वायरल बीमारी है.
वरिष्ठ चेस्ट फिजिशियन और कोविड नोडल अधिकारी डॉ. एनबी सिंह ने बताया कि टोमैटो फीवर को टोमैटो फ्लू भी कहते हैं. यह एक वायरल इंफेक्शन है, जो 5 साल से कम उम्र के बच्चे को प्रभावित कर रहा है. जितने भी प्रभावित बच्चे हैं, उनमें ज्यादातर को रैशेज, स्किन में इर्रिटेशन, डिहाइड्रेशन, त्वचा पर फफोले जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं. इस बात की अभी भी पुष्टि नहीं हो पाई है कि यह अज्ञात टोमैटो बुखार एक वायरल बुखार है या फिर चिकनगुनिया या डेंगू बुखार होने के बाद के दुष्प्रभावों का परिणाम है. संभवत: इस वायरल इंफेक्शन का नाम इसलिए टोमैटो फ्लू पड़ा क्योंकि ये छाले, फफोले आमतौर पर गोलाकार और लाल रंग के होते हैं.
उन्होंने बताया कि इसके मुख्य लक्षणों में डिहाइड्रेशन, स्किन रैशेज, त्वचा में इर्रिटेशन या खुजली शामिल हैं. इस इंफेक्शन से प्रभावित बच्चे के शरीर पर बिल्कुल टमाटर के आकार के लाल रंग के रैशेज नजर आते हैं. साथ ही बहुत तेज बुखार, जोड़ों में सूजन, थकान, शरीर में दर्द जैसे भी लक्षण नजर आ सकते हैं. डिहाइड्रेशन के कारण संक्रमित बच्चे के मुंह में इर्रिटेशन हो सकता है. मुंह सूख सकता है. हाथों, घुटनों के रंग में बदलाव होना भी अन्य लक्षण है. किसी-किसी को बहुत अधिक प्यास भी लग सकती है.
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