लखनऊ:फैजुल्लागंज में मृत सुअरों में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई. भोपाल के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल लैब में सैंपल भेजे गए थे. इसकी रिपोर्ट मंगलवार को आई. इलाके में अब तक करीब 140 से ज्यादा सुअरों की मौत हो चुकी है. इसकी वजह से इलाके के लोग परेशान थे. यहां तक की कई लोगों ने इलाका छोड़कर, दूसरी जगह जाने की बात तक कही थी. इलाके में सुअरों के मरने से बड़ी आबादी के बीच महामारी का खतरा एक बार फिर बढ़ गया है.
इस इलाके में जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम ने सक्रियता बढ़ा दी है. मंगलवार रात जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार से लेकर जिला प्रशासन की टीम ने यहां का निरीक्षण किया. इसके पहले नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह भी यहां का निरीक्षण कर चुके हैं.
क्या है अफ्रीकन स्वाइन फ्लू:अफ्रीकन स्वाइन फ्लू अत्याधिक संक्रामक पशु रोग है. यह घरेलू और जंगली सुअरों को संक्रमित करता है. इससे संक्रमित सुअर एक प्रकार के तीव्र रक्तस्रावी बुखार से पीड़ित होते हैं. इस बीमारी को पहली बार 1920 के दशक में अफ्रीका में देखा गया था. इस रोग में मृत्यु दर 100 प्रतिशत के करीब होती है. इस बुखार का अभी तक कोई इलाज नहीं है. इसके संक्रमण को फैलने से रोकने का एकमात्र तरीका जानवरों को मारना है. वहीं जो लोग इस बीमारी से ग्रसित सूअरों के मांस का सेवन करते हैं उनमें तेज बुखार, अवसाद सहित कई गंभीर समस्याएं शुरू हो जाती हैं.