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यूपी में ओमीक्रोन की दस्तक के बाद 80 हजार निगरानी समितियां सक्रिय, कोरोना के 22 नए मरीज मिले

यूपी में ओमीक्रोन के दो केस मिलने के बाद योगी सरकार ने 80 हजार निगरानी समितियों को सक्रिय कर दिया. प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 22 नए मरीज मिले हैं.

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Published : Dec 17, 2021, 10:47 PM IST

two omicron case found in up
two omicron case found in up

लखनऊ: देश में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमीक्रोन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. यूपी के गाजियाबाद में भी ओमीक्रोन के दो मरीज मिले हैं. इसके बाद सरकार ने टेस्ट की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ 80 हजार निगरानी समितियों को सक्रिय कर दिया है.



स्टेट कोविड सर्विलांस अफसर डॉ. विकासेंदु के मुताबिक गाजियाबाद में दो मरीजों में ओमीक्रोन की पुष्टि हुई है. विदेश यात्रा या ओमीक्रोन प्रभावित राज्यों से आ रहे लोगों का कोरोना टेस्ट किया जा रहा है. एयर पोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस स्टॉप पर जांच हो रही हैं. इस दौरान पॉजिटिव आने पर मरीज का सैम्पल जीन सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा है.

अब तक तीन चरणों में 89 सैम्पल जीन सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए. पहले चरण के 22 सैम्पल में 21 में डेल्टा वैरिएंट मिला. एक सैम्पल खराब निकला. दूसरे चरण के 24 सैम्पल की जांच की गई. इसमें दो में ओमीक्रोन केस की पुष्टि हुई.

यूपी में कोरोना की संक्रमण दर बढ़ रही है. पिछले चार दिनों में संक्रमण दर 0.008 से बढ़कर 0.013 पहुंच गई है. शुक्रवार को 22 नए कोरोना केस मिले. यूपी में शुक्रवार को 1 लाख 71 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट किए गए. वहीं 15 मरीज डिस्चार्ज किए गए. यूपी में देश में सर्वाधिक 9 करोड़ दो लाख से अधिक टेस्ट किए गए. यहां एक व्यक्ति के पॉजिटिव आने पर 42.3 लोगों की जांच की जा रही है. यह डब्ल्यूएचओ के मानक से अधिक है. लखनऊ में न्यू हैदराबाद निवासी महिला कोरोना पॉजिटिव निकली.



मरीजों की कुल पॉजिटीविटी रेट 2.02 से अब 2 फीसदी रह गई है. इसके अलावा राज्य में दैनिक पॉजिटीविटी रेट 0.01 फीसदी है. जून में प्रदेश में संक्रमण दर का औसत 1 फीसदी रहा, जबकि जुलाई में 0.3 फीसद पॉजिटीविटी रेट की गई. 30 अप्रैल को यूपी में सर्वाधिक एक्टिव केस 3 लाख 10 हजार 783 रहे. अब यह संख्या 164 हो गयी है. वहीं रिकवरी रेट मार्च में जहां 98.2 फीसदी थी. अप्रैल में घटकर 76 फीसदी तक पहुंच गई. वर्तमान में फिर रिकवरी दर 98.7 फीसदी हो गई है.



देश में कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन आ गया है. वहीं मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. ऐसे में तीसरी लहर को लेकर सरकार सतर्क है. वह दूसरी लहर में हुई भूल को दोहराने के मूड में नहीं है. ऐसे में इलाज की व्यवस्थाओं को चाक चौबंद करने के निर्देश दिए हैं. अस्पतालों में क्या तैयारियां की गई हैं, अब इनकी जांच शुरू हो गई है. इसके लिए राजधानी से अफसरों की टीम गई हैं.

अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने अस्पतालों में मॉक ड्रिल के निर्देश दिए थे. शुक्रवार को राजधानी के बलरामपुर, सिविल व लोकबंधु अस्पताल में मॉक ड्रिल हुई. यहां एम्बुलेंस से पहुंचे मरीजों को आईसीयू में शिफ्ट किया गया.

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अस्पतालों में बच्चों और वयस्कों के लिए अलग-अलग वार्ड, आईसीयू बनाए गए हैं. इनमें ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए प्लांट लगाए गए हैं. वहीं बच्चों और वयस्कों के लिए अलग-अलग किस्म के वेंटीलेटर व अन्य उपकरण भी लगाए गए हैं. अस्पतालों में लगाए गए उपकरण कितने चालू हालत में हैं, इसकी जांच की जाएगी. वहीं इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को कितने समय में इलाज मिलेगा. इन सभी व्यवस्थाओं को जांचा जाएगा. इसके लिए शुक्रवार राजधानी से अफसरों की टीम जिलों में रवाना कर दी गई हैं. सरकार के निर्देशों का पालन न करने वाले अधिकारियों को सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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