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लखनऊ: 21वें इंटरनेशनल चीफ जस्टिस कॉन्फ्रेंस का हुआ समापन

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सोमवार को 21वें इंटरनेशनल चीफ जस्टिस कॉन्फ्रेंस के समापन हुआ. इस बार इस कॉन्फ्रेंस में 63 देशों के 102 वक्ताओं ने ऑनलाइन अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.

21st international chief justice conference
21वां इंटरनेशनल चीफ जस्टिस कॉन्फ्रेंस

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Published : Nov 9, 2020, 10:07 PM IST

लखनऊ: विश्व एकता आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है. एकता से ही संपूर्ण मानव जाति का कल्याण संभव है. इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती है. यह बात डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में आयोजित 21वें इंटरनेशनल चीफ जस्टिस कॉन्फ्रेंस के समापन के दौरान कहीं. यह कॉन्फ्रेंस सिटी राजधानी लखनऊ के कृष्णा नगर क्षेत्र में स्थित मॉन्टेसरी स्कूल की शाखा में आयोजित की गई थी.


कॉन्फ्रेंस के दौरान सुबह के सत्र में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और अंतिम सत्र में प्रोफेसर बलराज चौहान, प्रोफेसर आलोक कुमार राय और प्रोफेसर सुधीर भटनागर बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. आपको बता दें कि, इंटरनेशनल चीफ जस्टिस कॉन्फ्रेंस का आयोजन हर साल सीएमएस के संस्थापक शिक्षाविद डॉ जगदीश गांधी के द्वारा किया जाता है. इस कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य विश्व एकता, वैश्विक सरकार की स्थापना के जरिए पूरे विश्व में शांति स्थापित करना है. इस बार इस कॉन्फ्रेंस में 63 देशों के 102 राष्ट्रपति प्रधानमंत्री संसद के स्पीकर न्याय मंत्री, संसद सदस्य इंटरनेशनल कोर्ट के न्यायाधीश समेत कई विश्व प्रसिद्ध संगठनों ने अपनी उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज कराई.

इस मौके पर लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर चौहान ने ग्लोबल गवर्नेंस की बात का समर्थन किया और कहा कि वैश्विक महामारी के दौरान भारतीय संस्कृति वसुदेव कुटुंबकम तथा भारतीय संविधान अनुच्छेद 51 के अनुसार एक वैश्विक सरकार की स्थापना करना आवश्यक है. अंत में जान भी जहान भी, बात कह कर उन्होंने अपनी वाणी को विराम दिया.

सिटी मॉन्टेसरी स्कूल के संस्थापक डॉक्टर जगदीश गांधी विश्व एकता तथा वसुदेव कुटुंबकम की भावना को पूरी दुनिया में पैदा करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. विश्व के कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष, कानूनविदों, जजों को बुलाकर उनसे इस बारे में अपील की जाती है कि वह पूरे विश्व में शांति लाने के लिए प्रयास करें. जिससे विश्व के दो अरब बच्चों को आने वाले समय में हथियारों से मुक्ति मिल सके और वे शांति से अपना जीवन जी सकें.

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