लखनऊ: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020-(एनईपी) को लागू करने वाला लखनऊ विश्वविद्यालय पहला संस्थान है. विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने एनईपी की प्रगति की समीक्षा के लिए समिति बना दी है. 14 सदस्यीय समिति के चेयरमैन विधि विभाग के संकायाध्यक्ष प्रो. सीपी सिंह को बनाया गया है.
समिति में लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर एवं रायबरेली के एक-एक डिग्री कॉलेज के प्राचार्य एवं कला संकाय, शिक्षा संकाय, कला एवं शिल्प संकाय, अधिष्ठाता छात्र कल्याण व डीन एकेडमिक्स को सदस्य बनाया गया. प्रगति समीक्षा समिति को 15 कार्य दिवस में अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी. इस रिपोर्ट के आधार पर जो सुधार बताए जाएंगे उसे लागू किया जाएगा.
रिपोर्ट पर बढ़ाएंगे वोकेशनल कोर्स: लखनऊ विश्वविद्यालय के साथ पांच जिले जुड़े हैं. इसलिए वोकेशनल और को-करिकुलर पाठ्यक्रम को स्थानीय स्तर से जोड़ते हुए विस्तार दिया जाएगा. वोकेशनल पाठ्यक्रम मुख्य रूप से रोजगार बढ़ाने की दिशा में कदम होता है, इसलिए जिस क्षेत्र में जो मांग है उसी पर आधारित वोकेशनल पाठ्यक्रम शुरू होंगे. एनईपी-2020 प्रदर्शन और प्रगति समिति समीक्षा के बाद वोकेशनल कोर्स की रिपोर्ट करेगी. जिसके आधार पर अवाश्यकतानुसार वोकेशनल और को-करिकुलर कोर्स की संख्या बढ़ेगी.
लखनऊ विश्वविद्यालय में एनईपी को लेकर 14 सदस्यीय समिति गठित
समिति में लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर एवं रायबरेली के एक-एक डिग्री कॉलेज के प्राचार्य एवं कला संकाय, शिक्षा संकाय, कला एवं शिल्प संकाय, अधिष्ठाता छात्र कल्याण व डीन एकेडमिक्स को सदस्य बनाया गया.
ये भी पढ़ें : शिक्षक भर्ती के सफल अभ्यर्थियों के प्रदर्शन से हिला लखनऊ, युवाओं से पुलिस की नोकझोंक, कई घंटे हंगामा और नारेबाजी
समिति में ये शामिल :विधि संकायाध्यक्ष (चेयरमैन) प्रो. सीपी सिंह, सदस्य कला संकायाध्यक्ष, विज्ञान संकायाध्यक्ष, कला एवं शिल्प संकायाध्यक्ष, अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डीन एकेडमिक, प्राचार्य अवध गर्ल्स डिग्री कॉलेज, प्राचार्य फखरूद्दीन अली अहमद डिग्री कॉलेज सीतापुर, प्राचार्य डा. भीमराव अम्बेडकर डिग्री कॉलेज रायबरेली, प्राचार्य युवराज दत्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय लखीमपुर, प्राचार्य सीएसएन डिग्री कॉलेज हरदोई समिति में शामिल हैं.