लखनऊ : राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार भले ही जश्न मनाए, लेकिन हकीकत यही है कि 100 दिनों में सरकार ने किसी के लिए कुछ भी नहीं किया. न गरीबों को कुछ मिला न ही बेरोजगारों को. कानून व्यवस्था में सरकार पूरी तरह फेल साबित हुई है. उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर भी जमकर हमला बोला.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान त्रिलोक त्यागी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हाल ही में दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे किए हैं, लेकिन जनता के लिए सरकार ने कुछ भी नहीं किया. गरीबों और बेरोजगारों के लिए कोई योजनाएं नहीं लाई. किसानों को मुफ्त बिजली देने का वादा किया था वह भी पूरा नहीं हो पा रहा है. गन्ना का बकाया भुगतान अब तक नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार अपने व्यापारी मित्र अडानी को बनाने में लगी हुई है. कोरोना काल में ही अडानी की आय में ढाई गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हो गई है. लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा और अपने मित्र अडानी को बनाने में लगे हुए हैं.
100 दिन पूरे, लेकिन जनता के लिए कुछ भी नहीं किया : त्यागी
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हाल ही में दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे किए हैं, लेकिन जनता के लिए सरकार ने कुछ भी नहीं किया.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार बाजार में भी अडानी को ही बढ़ावा दे रही है. कुछ दिन पहले बिजली के लिए विदेशी कोयला खरीदने का एलान कर दिया गया. हर हाल में 10 परसेंट विदेशी कोयला राज्यों को खरीदना ही पड़ेगा. इसमें भी अडानी का ही सब कुछ है. कहीं ऐसा न हो कि आगे आने वाले दिनों में सरकार यह कह दे कि इस प्रोडक्ट को खरीदना अनिवार्य ही है जो अडानी का हो. उन्होंने कहा कि केंद्र से मोदी सरकार लोगों की आवाज दबा रही है. कोई भी आवाज उठाता है तो उसे सीबीआई, ईडी की धमकी दी जाती है. ईडी का छापा डलवा दिया जाता है. मुंबई में संजय राऊत का 20 साल पुराना मामला ईडी को सौंपा गया. उन्होंने कहा कि दोनों सरकारों का भगवाकरण हो गया है. यह कुछ लोगों की ही सरकार है. सभी की सरकार नहीं है.
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उन्होंने कहा है कि सेना भर्ती में भी इस सरकार से प्राइवेटाइजेशन कर दिया है. अब चार साल के लिए ही अग्निवीर भर्ती होंगे. यह बिल्कुल भी सही नहीं है. अगर 22 साल का कोई बच्चा सरहद पर शहीद हो जाता है तो उसकी पत्नी विधवा हो जाएगी. इसके लिए कोई पेंशन तक की व्यवस्था नहीं की गई है. भला यह कहां से सही है? सरकार को सेना का निजीकरण नहीं करना चाहिए था. देश के लिए युवाओं में जज्बा होता है इसीलिए सेना में जाते हैं, लेकिन सरकार इस तरह के काम करेगी तो सेना में कौन जाएगा? अग्निवीरों की आवाज राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह उठा रहे हैं इसीलिए युवा पंचायत का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें युवाओं को जागरूक किया जा रहा है.
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