कानपुर :वट सावित्री का पर्व सोमवार को देश भर में रीतिरिवाज से मनाया जा रहा है. इस व्रत का अपना अलग ही महत्व होता है. बता दें भारतीय संस्कृति में यह व्रत आदर्श नारीत्व का प्रतीक माना जाता है. कानपुर में अखंड सौभाग्य और संतान प्राप्ति की कामना के लिए वट सावित्री व्रत की पूजा में महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी. ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन इस व्रत को महिलाएं रखती है. वहीं इस बार का व्रत और भी खास माना जा रहा हैं, क्योंकि इसबार वट सावित्री व्रत चार संयोग से बना है. सोमवती अमावस्या और संयोग सवार्थ सिद्धि योग के साथ अमृत सिद्धि और संयोग त्रिग्रही योग बन रहा है. आज के दिन भगवान शनि की जयंती भी है, जिसके चलते आज के दिन जो भी बरगद, पीपल के वृक्ष का पूजन करेगा, उसे शनि मंगल,राहु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलेगी.
जानिए लोक आस्था के पर्व वट सावित्री पूजा का क्या है महत्व
अखंड सौभाग्य और संतान प्राप्ति की कामना के लिए किया जाने वाला वट सावित्री व्रत सोमवार को कानपुर में रीतिरिवाज से मनाया जा रहा है. वहीं इस बार वट सावित्री व्रत पर चार संयोग बनने से आज का दिन विशेष माना जा रहा है.
वट सावित्री व्रत कि पूजा करती महिलाएं
पति की दीर्घायु के लिए महिलाएं करती हैं वट सावित्री की पूजा
- देश में आज अखंड सौभाग्य और संतान प्राप्ति की कामना के लिये वट सावित्री का व्रत मनाया जा रहा है.
- इस बार का व्रत और भी खास माना जा रहा हैं. क्योंकि इसबार वट सावित्री व्रत चार संयोग से बना है.
- सोमवती अमावस्या और संयोग सवार्थ सिद्धि योग के साथ अमृत सिद्धि और संयोग त्रिग्रही योग बन रहा है.
- आज के दिन भगवान शनि की जयंती भी है. जिसके चलते आज के दिन जो भी बरगद, पीपल का पूजन करेगा.उसे शनि मंगल, राहु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलेगी.
- सुबह से ही बरगद और पीपल के वृक्षो के नीचे सैकड़ो महिलाएं सुबह से ही पूजन करने के लिये आ रहीं हैं.
- व्रत करने वाली महिलाओं ने बताया कि व्रत पूरी तरह से निर्जला रहा जाता है. पूजा के बाद बरगद की छांव में बैठकर जल और प्रसाद ग्रहण कर व्रत खत्म किया जाता है.