कानपुर: कुछ माह पहले पीएम मोदी ने लाल किले की चहारदीवारी से यह घोषणा की थी कि अब देश के कई शहरों में निर्यात को बढ़ावा देने के मकसद से एक्सपोर्ट हब बनाये जायेंगे. उसी दिशा में कवायद करते हुए विदेश मंत्रालय ने कानपुर शहर को एक्सपोर्ट हब बनाने के लिए चुन लिया. कुछ दिनों पहले ही विदेश व्यापार मंत्रालय और जिला प्रशासन के अफसरों ने डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट (District Export Hub) हब को लेकर कार्ययोजना बना ली और उस पर काम भी शुरू हो गया है.
प्लास्टिक और लेदर गुड्स शामिल
उपायुक्त उद्योग सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि इस डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट हब का मकसद है, निर्यात को बढ़ावा देना. उन्होंने कहा कि पहले चरण में प्लास्टिक, लेदर गुड्स, होजरी और इंजीनियरिंग गुड्स को शामिल किया गया है. फिलहाल इन उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने के लिए कवायद की जायेगी. उन्होंने कहा कि 14 जुलाई को विदेश व्यापार मंत्रालय के अफसरों के साथ एक बैठक होगी. पहले चरण में 50 करोड़ रुपये बजट के रूप में मिलेंगे. खासतौर से उन उत्पादों के निर्यात को बढ़ाया जायेगा, जिनका ओवरआल टर्नओवर अन्य उत्पादों की अपेक्षा बहुत कम है.
उपायुक्त उद्योग सुधीर श्रीवास्तव होजरी और लेदर कारोबारी सालों से कर रहे थे मांग
शहर में एक्सपोर्ट हब विकसित करने की मांग चमड़ा और होजरी कारोबारी सालों से कर रहे थे. कारोबारियों का कहना था कि एक्सपोर्ट हब बनने से यहां के उद्यमियों को अपने उत्पादों के लिए कई तरह के अंतरराष्ट्रीय स्तर के बाजार मिल जायेंगे.
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देश के 10 शहरों में शहर हुआ शामिल:
देश में डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट हब बनाने के लिए पीएम की ओर से जिन चुनिंदा 10 शहरों को चुना गया, उनमें कानपुर भी शामिल है. इसका एक बड़ा कारण है, शहर में विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं. वहीं, पूरे उत्तर प्रदेश से 6 शहरों को अभी शामिल किया गया है.
21-22 में 9500 करोड़ का रहा सालाना निर्यात कारोबार
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन के संयोजक आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि साल 2021-22 में शहर का कुल निर्यात कारोबार 9,500 करोड़ रुपये रहा. इसमें लेदर गुड्स का करीब 5,000 करोड़ रुपये, प्लास्टिक का दो से तीन हजार करोड़ रुपये और होजरी का एक से दो हजार करोड़ रुपये का निर्यात कारोबार हुआ.
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