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कानपुर: पुलिस की मेहरबानी परिवहन विभाग पर पड़ रही भारी - झकरकटी बस अड्डा

यूपी के कानपुर जिले के बाबू पुरवा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले शहीद मेजर सलमान अली झकरकटी बस अड्डे के बगल में पुलिस की मेहरबानी से अवैध ई-रिक्शा और ऑटो स्टैंड संचालित हो रहा है. इससे परिवहन विभाग को नुकसान उठाना पड़ रहा है. आइये जानते हैं कि क्षेत्रीय पुलिस की सह पर किस तरह निजी वाहन चालक परिवहन विभाग को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

शहीद मेजर सलमान अली झकरकटी बस अड्डा.
शहीद मेजर सलमान अली झकरकटी बस अड्डा.

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Published : Oct 17, 2020, 4:51 PM IST

कानपुर: कोरोना काल में सभी विभागों का राजस्व डामाडोल रहा है. इससे परिवहन विभाग भी अछूता नहीं है. इस कोरोना काल में लोगों के घरों से कम बाहर निकलने से परिवहन विभाग को काफी नुकसान हुआ है. जैसे-जैसे लॉकडाउन खुला तो धीरे-धीरे स्थितियां हर विभाग की सुधरने लगीं, लेकिन जिले के झकरकटी बस अड्डे के बाहर अवैध रिक्शा ऑटो स्टैंड संचालित होने से परिवहन विभाग को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस अवैध ई-रिक्शा और ऑटो स्टैंड से क्षेत्रीय पुलिस अपनी झोली भरने में लगी हुई है. इस तरफ न तो जिले के आलाधिकारी ध्यान दे रहे हैं और न ही परिवहन विभाग.

पुलिस की सह पर बस स्टैंड से भरते हैं ऑटो और टेंपो वाले सवारी

जिले के बाबू पुरवा थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले शहीद मेजर सलमान अली झकरकटी बस अड्डे के बाहर अवैध ई-रिक्शा और ऑटो स्टैंड क्षेत्रीय बाबू पुरवा की सरपरस्ती में लगता है. ये बात हम नहीं, बल्कि झकरकटी बस अड्डे के एआरएम राजेश सिंह का कहना है. एआरएम राजेश सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि हमने इस अवैध टेंपो स्टैंड को हटवाने के लिए कई पत्र लिखे, लेकिन पुलिस द्वारा इसको दोबारा से लगवाया गया है. बस स्टैंड के बाहर सवारियों को बैठाने वाले ई-रिक्शा और ऑटो चालकों से अच्छी खासी उगाही प्रतिदिन थाना बाबू पुरवा पुलिस करती है.

बस स्टैंड के बाहर निजी वाहन खड़ा करना अवैध

नियमों के अनुसार परिवहन विभाग के बस अड्डे के पास निजी सवारी वाहन नहीं दिखाई पड़ने चाहिए. क्योंकि इससे परिवहन विभाग के राजस्व को हानि पहुंचती है, लेकिन झकरकटी बस अड्डे के बाहर अवैध ऑटो रिक्शा स्टैंड में लगने वाले ऑटो रिक्शा चालक प्रतिदिन थाना बाबू पुरवा पुलिस की उगाही तंत्र का हिस्सा बने हुए हैं. अवैध रूप से वाहन बस अड्डे के मुख्य द्वार पर ही खड़ा करते हैं और वहां से निकलने वाली सवारियों को बैठाकर उनके गंतव्य तक पहुंचा देते हैं. नियमों के विरुद्ध लगने वाले इस अवैध ऑटो ई-रिक्शा स्टैंड की बागडोर एक ई-रिक्शा संचालक सोनू नाम का युवक संभालता है.

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