कानपुर:इन दिनों अगर आप शहर के चुन्नीगंज स्थित राजकीय विद्यालय (जीआइसी) में पहुंच जाएं, तो आपको मैदानों पर उगी झाड़ियां दिखेंगी. पूरे परिसर में कीचड़ मिलेगा. परिसर में पानी की टंकी लगी है, मगर उसमें पानी नहीं आता है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर कोई छात्र यहां क्यों पढ़ने आएगा. यही स्थिती शहर के 20 अन्य राकीय विद्यालयों की भी है, अब सरकार प्रोजेक्ट अलंकार योजना के तहत इन विद्यालयों की सूरत बदलने जा रही है.
सरकार प्रोजक्ट अलंकार के तहत राजकीय विद्यालयों की मूलभूत सुविधाओं को पूरा और उनका जीर्णोधार करने जा रही है. इसके सरकार ने राजकीय इंटर कॉलेज चुन्नीगंज(Government Inter College Chunniganj) के लिए 42 लाख रुपये दिए है. इसके अलावा अन्य विद्यालयों के लिए भी बजट जारी कर दिया गया है.
छात्र संख्या घट रही है फिर भी सरकार मेहरबान:उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट के जिलाध्यक्ष राकेश तिवारी ने कहा कि राजकीय विद्यालयों में दिनोंदिन छात्रों की संख्या घटती जा रही है.लेकन, फिर भी सरकार पूरी तरह से मेहरबान है. सालों पहले क्लीन स्कूल ग्रीन स्कूल योजना के तहत सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च किए थे. लेकिन, नतीजा कुछ नहीं निकला. छात्र और छात्राओं की संख्या लगातार घटती जा रही है.
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इसके लिए सरकार ने एक बार फिर प्रोजक्ट अलंकार के तहत इन सभी सराकारी स्कूलों का जीर्णोधार किया जाएगा. जिन राजकीय विद्यालयों के भवन जर्जर है, बाउंड्रीवॉल और अन्य मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है. परिषदीय विद्यालयों की तर्ज पर इन विद्यालयों का कायाकल्प होगा. उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट के जिलाध्यक्ष राकेश तिवारी ने कहा कि हमारी ओर से पंचायती राज विभाग व मनरेगा के जो जिम्मेदार अफसर हैं उन्हें पत्र भेजा जा चुका है. कानपुर शहर में राजकीय विद्यालयों की कुल संख्या 21 है और इसमें पढ़ने वाले कुल छात्र-छात्राओं की संख्या पांच से छह हजार है.
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