कानपुर: सरकार ने वाहन स्वामियों को कर जमा करने के साथ ही उस कर पर लगने वाली जुर्माना राशि को पूरी तरह मुक्त करने के लिए ओटीएस स्कीम लांच तो कर दी. लेकिन, वाहन स्वामियों का रुख एसा है, जैसे वह स्कीम का लाभ न लेना चाहते हो, वहीं, आरटीओ विभाग के अफसर भी अपने कार्यालय में बैठकर तो ओटीएस स्कीम का खूब प्रचार-प्रसार कर रहे हैं, लेकिन वह सीधे वाहन स्वामियों तक अपनी पकड़ नहीं बना पा रहे.
इसका नतीजा यह है, कि अब ओटीएस स्कीम का लाभ लेने के लिए वाहन स्वामियों के पास केवल 23 दिनों का समय बचा है, जबकि आरटीओ कार्यालय में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक लगभग 18 हजार वाहन स्वामियों को कर के तौर पर 61 करोड़ रुपये की राशि जमा करनी है. वहीं, अगर पिछले माह के आंकडों को देखें तो सरकार ने 27 जून से 27 अगस्त तक ओटीएस स्कीम को संचालित किया था, जिसमें आरटीओ कार्यालय में करीब 900 वाहन स्वामियों ने अपना कर जमा किया तो आरटीओ कार्यालय में कर के तौर पर लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपये की राशि पहुंची. हालांकि अभी आगामी 25 सितंबर तक सभी वाहन स्वामी अपना कर जमा कर देंगे. यह कहना फिलहाल जल्दबाजी होगी. वहीं, अफसरों के लिए हर वाहन स्वामी से कर जमा करा पाना भी एक अभेद्य चुनौती जैसा बना हुआ है.
23 दिनों में 18 हजार वाहन स्वामियों से 61 करोड़ रुपये TAX वसूलना बना चुनौती - Collection of tax in Kanpur became a challenge
सरकार ने वाहन स्वामियों को कर जमा करने के साथ ही उस tax पर लगने वाली जुर्माना राशि को पूरी तरह मुक्त करने के लिए ओटीएस स्कीम लांच तो कर दी.

इसे भी पढ़ेंःअखिलेश यादव बोले, बीजेपी ने शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर दिया
ट्रांसपोर्ट यूनियन के पदाधिकारियों संग बैठक में दी गई जानकारी: एआरटीओ प्रवर्तन सुधीर वर्मा से जब यह सवाल किया गया, कि वाहन स्वामियों को किस तरह योजना की जानकारी दी जा रही है? तो उन्होंने जवाब में बताया कि ट्रांसपोर्ट यूनियन के पदाधिकारियों संग बैठक में सभी को बताया गया. इसके अलावा शहर के तमाम स्थानों पर योजना से संबंधित बैनर लगवाए गए हैं. पोस्टर भी चस्पा किए गए हैं. हालांकि, पदाधिकारियों का कहना था कि अफसरों ने योजना के प्रचार प्रसार को लेकर कोई काम नहीं किया. अफसर केवल अपने कमरों तक ही सीमित रहते हैं.
इसे भी पढ़ेंःकानपुर 1984 सिख दंगा मामले में SIT ने 2 और आरोपियों को किया गिरफ्तार