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झांसी: लोकपाल के निरीक्षण में मनरेगा की खुली पोल, दोषियों के खिलाफ शासन को लिखा पत्र

झांसी जिले के गुरसराय ब्लॉक के अंतर्गत दो ग्राम पंचायतों में मनरेगा के कार्यों का निरीक्षण करने पहुंचे लोकपाल को कई खामियां मिलीं. इस दौरान उन्होंने मनरेगा में लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भी लिखा.

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लोकपाल ने किया मनरेगा के कार्यों का निरीक्षण.

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Published : Jun 25, 2020, 10:31 AM IST

झांसी: लोकपाल चंद्रकांत रावत ने जिले के गुरसराय ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्यों का निरीक्षण किया. इस दौरान ग्राम दुगारा एवं बगरोनी दो ग्राम पंचायतों में तमाम खामियां मिली. जांच के दौरान दुगारा में मौके पर मजदूर नहीं मिले. कर्मचारी भी गैरहाजिर रहे. वहीं ग्राम बगरोनी का रोजगार सेवक 2 साल से गायब है. लोकपाल ने मनरेगा में इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए शासन को पत्र लिखा है.

दरअसल, शासन की तरफ से जनपद मण्डल में मनरेगा योजना पर निगरानी करने के लिए लोकपाल नामित किए गए हैं. इसी क्रम में लोकपाल चंद्रकांत रावत ने गुरसराय ब्लॉक की ग्राम पंचायत दुगारा में मनरेगा के अंतर्गत हो रहे कार्यों की जांच की. जांच के दौरान ग्राम दुगारा में मौके पर श्रमिक कार्य करते हुए नहीं मिले. वहीं वर्तमान में जो कार्य दर्शाए गए, वह पूर्व में ही पूर्ण किए जा चुके हैं. इस पर लोकपाल ने नाराजगी जताई. लोकपाल ने कहा कि वैश्विक महामारी के बीच बाहर से आए हुए श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया जाए. जिन स्थानों पर साइन बोर्ड नहीं लगे हैं, उन स्थानों के लिए साइन बोर्ड महिला स्वयं सहायता समूह की तरफ से खरीद कर लगाए जाएं.

लोकपाल ने परिषदीय विद्यालय का निरीक्षण भी किया. विद्यालय में कायाकल्प योजना के तहत सौंदर्यीकरण का काम चल रहा था. निरीक्षण के दौरान दुगारा के ग्राम पंचायत विकास अधिकारी तथा तकनीकी सहायक अनुपस्थित मिले. इसके बाद लोकपाल ने ग्राम पंचायत बगरोनी में चल रहे मनरेगा के कार्यों का निरीक्षण किया. गांव में बाहर से आए हुए श्रमिकों को रोजगार दिए जाने के संबंध में ग्राम प्रधान की ओर से अवगत कराया गया कि रोजगार सेवक विगत 2 साल से अनुपस्थित हैं. कार्य में कोई रुचि नहीं लेते हैं. रोजगार सेवक के संबंध में उचित कार्रवाई की अपेक्षा की गई.

मनरेगा में बरती जा रही लापरवाही किसी भी दशा में सहन नहीं की जाएगी. शासन की मंशा है कि बाहर से आए प्रवासी मजदूरों को गांव में ही मनरेगा में काम दिया जाए, लेकिन जिस तरह लापरवाही देखने को मिली, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए शासन को अवगत करा दिया गया है.

-चन्द्रकान्त रावत, लोकपाल

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