झांसी: उत्तर प्रदेश सरकार हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय की स्थापना मेरठ में करने जा रही है. झांसी के खेल प्रेमियों और स्थानीय लोगों की मांग है कि मेजर ध्यानचंद के नाम पर विश्वविद्यालय को मेरठ की जगह झांसी में स्थापित किया जाए क्योंकि यह नगरी मेजर ध्यानचंद की कर्मस्थली रही है. बुन्देलखण्ड क्षेत्र को बेहद पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है और लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में विश्वविद्यालय की स्थापना होने से यहां के खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के लिए बेहतर मौके मिल सकेंगे.
पूर्व अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी सुबोध खांडेकर कहते हैं कि मेरठ में सरकार स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय बनाने जा रही है. अगर उसे झांसी में बनाया जाए तो इसका फायदा इस पिछड़े क्षेत्र के खिलाड़ियों को मिल सकेगा. इस क्षेत्र के खिलाड़ियों के पास साधन और सुविधाओं का अभाव है. खेल विश्वविद्यालय से इनके भीतर की प्रतिभा को निखारने मंच मिल जाएगा. वो बेहतर प्रदर्शन करके, इस क्षेत्र का और देश का नाम रोशन कर सकेंगे. झांसी मेजर ध्यानचंद की कर्मस्थली रही है, इसलिए भी लोगों की यह इच्छा है कि उनके नाम से बनने जा रहे विश्वविद्यालय को दद्दा की नगरी में स्थापित किया जाए.
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हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की कर्मस्थली में स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय खोलने की मांग
झांसी के खेल प्रेमियों और स्थानीय लोगों की मांग है कि मेजर ध्यानचंद के नाम पर प्रस्तावित खेल विश्वविद्यालय को मेरठ की जगह झांसी में स्थापित किया जाए.
झांसी में स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय खोले जाने की मांग को लेकर पिछले दिनों एक ज्ञापन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजा गया था. ज्ञापन भेजने वाले सामाजिक कार्यकर्ता कुंवर वीरेंद्र निरंजन कहते हैं कि बुन्देलखण्ड, प्रदेश का एक पिछड़ा क्षेत्र है. यहां बहुत सारी प्रतिभाएं हैं. व्यवस्थाओं के अभाव में और उचित मार्गदर्शन व सामग्री न मिलने के कारण यहां के युवा आगे नहीं बढ़ पाते हैं. अभी बुन्देलखण्ड क्षेत्र से ही शैली सिंह ने एथलेटिक्स में रजत पदक हासिल किया है. बुन्देलखण्ड में ऐसी बहुत सारी प्रतिभाएं हैं, जो उभर कर सामने आएंगी. इसे लेकर हमने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि मेजर ध्यानचंद की स्मृति में जो स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय मेरठ में बनाया जा रहा है, उसे झांसी में बनाया जाए.