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IPL की पुरुष और महिला टीम में बतौर चिकित्सक अपनी सेवा दे रहे हैं गोरखपुर के 2 डॉक्टर, इनका रिश्ता भी है अनमोल

खिलाड़ियों को फिट रखने और प्रैक्टिस से लेकर मैच के दौरान आने वाली अचानक समस्याओं के निराकरण में भी चिकित्सक की भूमिका (role of doctor) महत्वपूर्ण हो जाती है. ये गोरखपुर के प्रख्यात चिकित्सक (eminent doctor in gorakhpur ) के साथ पति-पत्नी भी हैं.

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डॉ. राहुल मोदी और डॉ. ऋचा मोदी

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Published : Jun 7, 2022, 5:45 PM IST

गोरखपुर: खिलाड़ियों को फिट रखने और प्रैक्टिस से लेकर मैच के दौरान आने वाली अचानक समस्याओं के निराकरण में भी चिकित्सक की भूमिका (role of doctor) महत्वपूर्ण हो जाती है. ऐसे ही चिकित्सकों की टीम गोरखपुर जैसे शहर से भारत की आईपीएल महिला और पुरुष टीम को अपनी सेवा दे रही है जो निश्चित रूप से गोरखपुर को गौरवान्वित करती है.

डॉक्टर ऋचा मोदी और डॉक्टर राहुल मोदी नाम के यह चिकित्सक पुरुष और महिला टीम को अपनी सेवा दे रहे हैं. ईश्वर की कृपा से इनके बीच जो नजदीकी रिश्ता है वह बेहद ही अनमोल है. गोरखपुर के प्रख्यात चिकित्सक के साथ यह पति-पत्नी के रूप में भी जाने जाते हैं.

डॉ. राहुल मोदी और डॉ. ऋचा मोदी
ईटीवी भारत ने इन दोनों चिकित्सकों से खास बातचीत के दौरान डॉ. ऋचा मोदी ने बताया कि भारत में पुरुष आईपीएल की तर्ज पर महिला आईपीएल की शुरुआत हो चुकी है, जिसका वर्ष 2022 के मई महीने में चौथा सीजन कंप्लीट हुआ है. इंडियन प्रीमियर लीग 2022 (Indian Premier League 2022) सीजन के बीच में वूमेन T-20 चैलेंज टूर्नामेंट 23 मई से 28 मई तक पुणे के एमसीए स्टेडियम में खेला गया.

उन्होंने बताया कि वूमेन क्रिकेट को प्रोत्साहन देने के लिए बीसीसीआई प्रेसिडेंट सौरव गांगुली (BCCI President Sourav Ganguly) और सेक्रेटरी जय शाह के सभी पदाधिकारियों ने मिलकर उन्हें बीसीसीआई की तरफ से T-20 मैच के लिए डॉक्टर चयनित किया. साथ ही जिस तरह का सहयोग टीम को चिकित्सीय सेवा देने में बीसीसीआई के पदाधिकारियों की ओर से उन्हें मिली. उसका शब्दों में तारीफ नहीं किया जा सकता.

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उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से पहली बार महिला टीम के लिए चिकित्सक का चयन होना और गोरखपुर से उनका इसके लिए चुना जाना बड़े ही गर्व की बात है. वह भी इसे अपने लिए एक बड़े चैलेंज और अवसर के रूप में लेती हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि उनके इस चयन में उनके पति डॉ. राहुल मोदी जो स्पोर्ट्स मेडिसिन और बैक पेन के स्पेशलिस्ट हैं उनकी बड़ी भूमिका रही है, जो दिल्ली कैपिटल जैसी टीम के चिकित्सक रहे. जिन्होंने उनका उत्साह बढ़ाया. बीसीसीआई के हुए इंटरव्यू में वह उन सभी सवालों का जवाब देते हुए सफल हुईं.

उन्होंने बताया कि महिला खिलाड़ियों को कई और परेशानियां खेल में आने वाली समस्याओं के अलावा थीं. जिसे उन्होंने दूर करने का प्रयास किया. साथ ही भीषण गर्मी में उन्हें घंटों प्रैक्टिस करते देखना, उन्हें गर्व और साहस देता था. यह सोचने पर भी मजबूर करता था कि लड़कियां क्या नहीं कर सकती. डॉ. मोदी ने कहा कि छोटी-छोटी बातों के लिए खिलाड़ी उनके पास नहीं आती थी और न ही दवा लेती थीं.

उन्होंने कहा कि बीसीसीआई पदाधिकारियों ने स्टेडियम के पास एक हॉस्पिटल से भी टाइअप किया था, जिससे कोई इमरजेंसी हो जाए तो वह उन खिलाड़ियों को एंबुलेंस में लेकर वह तत्काल अस्पताल जा सकें. गर्मी की वजह से खिलाड़ियों में हाइड्रेशन का सबसे ज्यादा ध्यान रखना पड़ता. वह और उनकी सपोर्ट स्टॉफ ने इस बात का पूरा ध्यान दिया कि प्रत्येक खिलाड़ी फील्ड में पर्याप्त मात्रा में पानी, इलेक्ट्रॉल, नारियल पानी और जूस आदि लेती रहें.

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों का टाइम जोन चेंज होने से उन्हें शुरुआत में नींद की दिक्कतें हुईं. मौसम बदलने से और गर्मी की धूप से कई खिलाड़ियों को एलर्जी की समस्या भी होती रही. उन्होंने कहा कि यह क्रिकेट टूर्नामेंट उनके लिए बहुत अच्छे अनुभव का रहा.

खिलाड़ियों ने जो उन्हें सम्मान दिया उससे एक अलग ऊर्जा मिली है. उनके चिकित्सीय सेवा का बीसीसीआई बोर्ड ने भी तारीफ किया है, जिससे भविष्य में कुछ नई उम्मीदें भी जगी हैं. इस दौरान उनके पति डॉ. राहुल मोदी ने बताया कि स्पोर्ट्स मेडिसिन के एक्सपर्ट होने के दौरान यह ध्यान देना होता था कि खिलाड़ियों को दवाएं, वहीं, उपलब्ध कराई जाएं जिससे डोप जैसी किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े. पति- पत्नी को मिले इस अवसर से वह भी बेहद खुश और गौरवान्वित हैं.

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