गोरखपुर:जिले में बाढ़ की वजह से लगभग 30 हजार की आबादी प्रभावित मानी जा रही है. पानी में डूब चुके घरों के लोग नाव के सहारे बाहर निकलकर बांध पर बनाए गए राहत कैंप में शरण ले रहे हैं. कई लोग अपने जानवरों को साथ लेकर बांध पर पहुंचे हैं. जिले से होकर गुजरने वाली प्रमुख नदी राप्ती के जल स्तर में वृद्धि लगातार जारी है.
गांवों में फंसे लोगों को निकालने के लिए करीब 87 नाव को लगाया गया है. इस दौरान लोगों के इलाज और स्वास्थ सुविधा को देने के लिए पांच मेडिकल टीमें गठित कर क्लोरीन और ओआरएस के पैकेट का वितरण किया जा रहा है. इसके अलावा सरयू और रोहिन नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
जिले की सहजनवा तहसील में बाढ़ से हालत बिगड़ने लगे हैं. राप्ती और आमी नदी के उफान से एक दर्जन गांव जलमग्न हो चुके हैं. जिले से होकर बहने वाली नदियां इस समय अपने उफान पर हैं. घाघरा, रोहिणी, राप्ती और आमी नदियों का जल स्तर बढ़ने के कारण नदियों के किनारे रहने वाले लोग दहशत के साये में जी रहे हैं. गुरुवार शाम को बर्डघाट में राप्ती नदी का जलस्तर 75.66 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से 68 सेंटीमीटर ऊपर है. इसी तरह सरयू नदी तुर्तीपार और बरहज में भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
रोहिन नदी का जलस्तर त्रिमुहानी घाट पर 83.34 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से 90 सेंटीमीटर ऊपर है. बाढ़ के पानी से सदर तहसील क्षेत्र के 17 गांव प्रभावित हैं तो कैंपियरगंज के 12, गोला के 10, सहजनवा के 7, बांसगांव-खजनी के दो-दो और चौरी-चौरा का एक गांव प्रभावित है. गोरखपुर जिले के कोलिया, मंझरिया, डोमिनगढ़ गांव के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है.