गोरखपुर:जिला प्रशासन ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में शत-प्रतिशत नामांकन का लक्ष्य रखा है. प्रशासन ने वनटांगिया समुदाय के लोगों के गांव रजही को मॉडल बूथ के रूप में चुना है. जिला प्रशासन ने इस बूथ पर 100% मतदान कराने की रणनीति पर अमल करना शुरू कर दिया है. रजही गांव में साक्षरता की दर बेहद कम है. जंगल में रहने वाले वनटांगिया समुदाय के लोगों की इस बस्ती को योगी आदित्यनाथ की सरकार में राजस्व गांव का दर्जा दिया गया था. इसके बाद यहां के लोगों को मतदान का पहली बार अधिकार मिला.
जानकारी देते गोरखपुर डीएम विजय किरण आनंद गोरखपुर डीएम विजय किरण आनंद ने ईटीवी भारत को बताया कि 100 फीसदी मतदान के लिए कम मतदान वाले बूथ क्षेत्र में मतदान कर्मियों की मोबाइल यूनिट भेजी जाएगी. लोगों को मतदान करने के लिए यहां जागरूक किया जाएगा. मतदान की प्रक्रिया की मॉक ड्रिल भी होगी, इससे मतदान प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद की जा रही है. रजही गांव की तर्ज पर 100% मतदान के लिए बीएलओ को कम मतदान वाले क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करने के लिए कहा गया है.
जिला निर्वाचन कार्यालय गोरखपुर किरण आनंद ने कहा कि इससे मतदान प्रतिशत बढ़ाने में सफलता मिलेगी. यही नहीं मतदान की प्रक्रिया में सक्रियता के साथ भाग लेने वाले लोगों को सम्मानित भी किया जाएगा. इसके लिए जिले की सदर तहसील में सबसे अधिक जोर दिया जा रहा है. डीएम ने कहा कि मतदान प्रतिशत बढ़ाने में मतदाता पर्ची भी अहम भूमिका निभाती है. पूरी कोशिश होगी की पर्ची घर-घर तक पहुंचाई जा सके. इससे बूथ पर आने पर मतदाताओं को मतदान करने में समय नहीं लगेगा और वो लाइन में जल्दी मतदान कर सकेंगे.
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2019 के चुनाव में रजही गांव के 100% मतदान हुआ था. वनटांगिया समुदाय के लोगों को इसके लिए जागरूक किया गया था. उन्हें उनके अधिकारों का एहसास कराया गया था. इससे पूरा गांव मतदान के लिए उमड़ पड़ा था. वनटांगिया गांव और आम गांव के सभी 417 मतदाताओं ने वोट डालकर रिकॉर्ड बनाया था. यही नहीं इस गांव ने गोरखपुर-बस्ती मंडल के मतदाताओं के लिए नजीर भी पेश की थी.
इस गांव में पहली बार कोई 40 साल की उम्र में वोटर बना था, तो कोई 50 वर्ष की उम्र में. यही वजह है कि राजस्व गांव होने के साथ मतदाता पहचान पत्र, गांव में प्रशासनिक अमले की चहल-पहल बढ़ी. विकास की उम्मीद ने यहां के लोगों को मतदान करने के लिए उत्साहित ही नहीं किया, बल्कि इनके उत्साह ने एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया, जिसे तोड़ना किसी भी गांव और बूथ के लिए वास्तव में एक बड़ी चुनौती है.
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