गोरखपुर:आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आजादी से जुड़ी घटनाओं, क्रांतिकारियों के जीवन आदर्श को समाज के सामने प्रस्तुत करने के चल रहे प्रयास और कार्यक्रम में पूर्वोत्तर रेलवे ने भी अनूठा प्रयास किया है. उसके दायरे में आने वाले दो क्रांतिकारी क्षेत्र चौरी चौरा और बलिया जहां से क्रांति की विशेष अलख जगी थी, वैसे रेलवे स्टेशन को इस अवसर पर सजाया संवारा गया तो क्रांतिकारी शहीदों के परिजनों को इस अवसर पर सम्मानित भी किया गया. शनिवार को चौरी चौरा रेलवे स्टेशन (Chauri Chaura Railway Station) पर कुछ ऐसा ही भव्य नजारा देखने को मिला. जब पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक अशोक मिश्रा की अगुवाई में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ और क्रांतिकारी शहीदों के परिजन सम्मानित हुए.
रेलवे में देश स्तर पर इस तरह का कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें रेल मंत्री से लेकर संसदीय कार्य मंत्री और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन समेत तमाम विशिष्ट जन ऑनलाइन उपस्थित रहकर इस कार्यक्रम से जुड़े. क्रांतिकारियों के परिजनों को अपने भावपूर्ण संबोधन से सम्मानित किए. उनका अभिनंदन किए और मौजूद जनसमूह को इस बात को बताने का प्रयास किए कि किस तरह इन नायकों की वजह से देश गुलामी की बेड़ियों से मुक्त हुआ था.
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पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक अशोक मिश्रा (Ashok Mishra, General Manager, North Eastern Railway) ने इस दौरान कहा कि हमें अपने आने वाली पीढ़ियों को इतिहास के इन पहलुओं से जोड़ना चाहिए. आजादी की वीर गाथा और इससे जुड़े हुए क्रांतिकारियों के बारे में जानकारी होनी चाहिए. इसलिए आजादी के 75वें वर्ष में अमृत महोत्सव के तहत यह जो कार्यक्रम चलाया जा रहा है. उसका उद्देश्य काफी बड़ा और सकारात्मक है.
चौरी चौरा की घटना 4 फरवरी 1922 को हुई थी, जिसमें अंग्रेजों की नीतियों का विरोध करते हुए जिन क्रांतिकारियों ने चौरी चौरा थाने को आग के हवाले किया था, जिसमें 23 पुलिसकर्मी मारे गए थे. आगे चलकर ऐसे 19 क्रांतिकारियों को फांसी की सजा हुई थी. उन्हें को याद करने और नमन करने का यह अवसर है. बलिया के मंगल पांडेय को कौन नहीं जानता, जिन्होंने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की अलख जगाई थी. ऐसे में पूर्वोत्तर रेलवे अमृत महोत्सव के तहत अपने उन रेलवे स्टेशन को सजाने सजाने के साथ क्रांति से जुड़े परिवार के लोगों का सम्मान बढ़ाने का कार्य किया है.
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