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एक साल में रोजगारपरक शिक्षा का बड़ा केंद्र बना महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, सीएम योगी करते हैं अगुवाई - विश्वविद्यालय के कुलाधिपति

28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों इसका लोकार्पण हुआ था. इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति (गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री) योगी आदित्यनाथ की मंशा 2032 तक गोरखपुर को 'नॉलेज सिटी' के रूप में ख्यातिलब्ध कराने की है.

महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय

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Published : Aug 27, 2022, 10:04 PM IST

गोरखपुर : महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय अपनी स्थापना के एक साल में समयानुकूल और रोजगार परक शिक्षा के प्रतिष्ठित केंद्र के रूप में स्थापित हुआ है. भारतीय संस्कृति और मूल्यों को संरक्षित-संवर्धित करते हुए यह विश्वविद्यालय अपनी अलग पहचान कायम कर रहा है. इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं, जिनके विजन और मार्गदर्शन में महज सालभर में बीएएमएस समेत दर्जनभर से अधिक रोजगारपरक पाठ्यक्रमों की शुरुआत हुई. शोध-अनुसंधान के लिए कई प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ हुए एमओयू ने गोरखपुर को नॉलेज सिटी बनाने के लिए इस संस्थान की प्रतिबद्धता दर्शायी है.

28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों इसका लोकार्पण हुआ था. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में यहां पाठ्यक्रम ऐसे हैं जो समाज के लिए लाभकारी, विद्यार्थी के लिए सहज रोजगारदायी हैं. इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति (गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री) योगी आदित्यनाथ की मंशा 2032 तक गोरखपुर को 'नॉलेज सिटी' के रूप में ख्यातिलब्ध कराने की है. उल्लेखनीय है कि 10 दिसम्बर 2018 को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह में आए तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परिषद के शताब्दी वर्ष 2032 तक गोरखपुर को नॉलेज सिटी बनाने का आह्वान किया था. महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कदम निवर्तमान राष्ट्रपति के आह्वान और अपने कुलाधिपति की मंशा के अनुरूप आगे बढ़ चुके हैं.

इस विश्वविद्यालय की नींव में युग पुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज व राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ महाराज के विचार हैं, जिनका मानना था कि दासता से मुक्ति, स्वावलंबन व सामाजिक विकास के लिए शिक्षा ही सबसे सशक्त माध्यम है. वर्तमान गोरक्षपीठाधीश्वर एवं कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ इसी वैचारिक परंपरा के संवाहक हैं. इसी लक्ष्य की दिशा में कदम बढ़ाते हुए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में बीएएमएस की सौ सीटों पर प्रथम सत्र का सफलतापूर्वक संचालन हो रहा है. अगले सत्र से एमबीबीएस की कक्षाएं भी प्रारंभ करने की पूरी तैयारी है.

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विश्वविद्यालय में इस सत्र से दर्जनभर से अधिक नए रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू हुए हैं. नर्सिंग, पैरामेडिकल, एग्रीकल्चर, एलॉयड हेल्थ साइंसेज और आयुर्वेद फार्मेसी से संबंधित इन पाठ्यक्रमों में डिप्लोमा से लेकर मास्टर तक की डिग्री शामिल है. मसलन दो वर्षीय एएनएम, तीन वर्षीय जीएनएम, चार वर्षीय बीएससी नर्सिंग, दो वर्षीय पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग, दो वर्षीय एमएससी नर्सिंग, डिप्लोमा इन डायलिसिस, डिप्लोमा इन आप्टिमेट्री, डिप्लोमा इन इमरजेंसी एंड ट्रामा केयर, डिप्लोमा इन एनेस्थिसिया एंड क्रिटिकल केयर, डिप्लोमा इन आर्थोपेडिक एंड प्लास्टर टेक्निशियन, डिप्लोमा इन लैब टेक्निशियन (सभी दो वर्षीय), चार वर्षीय बीएससी एग्रीकल्चर, बीएससी ऑनर्स बॉयोटेक्नालोजी, बीएससी आनर्स बॉयोकेमिस्ट्री, बीएससी आनर्स माइक्रोबॉयोलोजी (सभी तीन वर्षीय), दो वर्षीय एमएससी बॉयोटेक्नालोजी, तीन वर्षीय एमएससी मेडिकल बॉयोकेमिस्ट्री, तीन वर्षीय एमएससी मेडिकल माइक्रोबॉयोलोजी, दो वर्षीय एमएससी एनवायरमेंटल साइंस, चार वर्षीय बी फार्मा व दो वर्षीय डी फार्मा. वर्तमान दौर में ये सभी पाठ्यक्रम रोजगारपरक हैं और उनकी बहुत मांग है. आने वाले समय में इस तरह के अन्य पाठ्यक्रमों की लंबी श्रृंखला दिखेगी.

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