गोरखपुर:गोरखपुर जिले में बुधवार देर रात एक बड़ा हादसा हो गया. कोतवाली क्षेत्र के बक्शीपुर स्थित इस्लामिया कॉलेज ऑफ (islamia college of commerce gorakhpur) कॉमर्स की पोर्टिको की छत का मलबा गिरने से दो मजदूर मलबे के नीचे दब गए. जिसमें एक मजदूर की मौत हो गई. रेस्क्यू ऑपरेशन की टीम ने शव को बाहर निकाला. वहीं इस घटना में घायल एक श्रमिक का उपचार जिला अस्पताल में चल रहा है. चिकित्सकों ने उसकी हालत को खतरे से बाहर बताया है. करीब चार घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला.
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद गोरखपुर में दीवार गिरने (gorakhpur roof collapsed) के मामले का संज्ञान लियाहै. मुख्यमंत्री ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए. साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की. इसके साथ ही जिलाधिकारी और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर जाकर राहत कार्य को युद्धस्तर पर कराने के निर्देश दिए.
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जिलाधिकारी ने इस्लामिया कॉलेज आफ कॉमर्स बक्शीपुर में निर्माणाधीन भवन के गिरने संबंधी दुर्घटना की जांच के लिए नगर मजिस्ट्रेट के अध्यक्षता में एक जांच समिति का गठन कर दिया है. समिति में नगर मजिस्टेट के अलावा अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड तथा अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड भवन शामिल है. समिति को घटना की विस्तृत जांच करते हुए दोषी का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए अपनी रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.
डीएम ने जांच का आदेश दिया:बुधवार की रात इस्लामिया कालेज ऑफ कॉमर्स में शटरिंग/छत गिरने के बाद कॉलेज की स्थापना से लेकर चल रहे निर्माण कार्य की गुणवत्ता और विकास प्राधिकरण द्वारा नक्शा पास समेत कई मामले जांच का विषय बन गए हैं. डीएम ने एक मजिस्ट्रेटी टीम बनाकर इसकी जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द सौंपने का निर्देश दिया है. आपको बता दें कि इस्लामिया कालेज आफ कामर्स के संस्थापक शरीफ अहमद एडवोकेट हैं और पूरा इस्लामिया कालेज वक़्फ़ नम्बर 67 इमामबाड़ा स्टेट की भूमि पर बनाया गया है. जबकि 40 के दशक में ये ज़मीन इमामबाड़ा के तत्कालीन मुतवल्ली द्वारा, मियां साहब जार्ज इस्लामिया इंटर कालेज की मैनेजमेंट कमेटी को इस शर्त पर दी गई थी कि प्रयोग न होने की दशा में उसे वक़्फ़ इमामबाड़ा को वापस करना होगा. इस जमीन का स्थानांतरण किसी अन्य को नही किया जा सकता लेकिन नियम कानून ताक पर रख इस कॉलेज की स्थापना की गई.
शोएब अहमद से कनेक्शन: वर्तमान में इस कॉलेज की देख रेख शरीफ अहमद एडवोकेट के पुत्र शोएब अहमद के जिम्मे है. इसके अलावा सूत्रों से जो जानकारी हासिल हुई है. उसके मुताबिक ताहिरा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ गीडा, सेठ एम.आर. जयपुरिया स्कूल गीडा एवं आज़ाद चौक, माउण्ट हेरा इण्टरनेशनल एकेडमी बख्शीपुर, इन सभी स्कूल/कालेजों के प्रबन्धक शोएब अहमद हैं. जानकारी के मुताबिक शोएब अहमद का लखनऊ में निर्माण समेत अन्य कई कारोबार से जुड़ा होना बताया जा रहा है. उनकी इधर राजनीतिक सक्रियता भी देखी गई है. पिछले दिनों शोएब अहमद की होडिंग भाजपा के बड़े नेताओं के साथ गोरखपुर शहर में कई स्थानों पर लगी देखी गई थी.
बिना नक्शे के किया गया निर्माण: उच्च शिक्षा से जुड़े लोगों का कहना है कि मानकों के अनुसार जिस कैम्पस में इस्लामिया कालेज ऑफ कॉमर्स चल रहा है, वहां कोई अन्य संस्थान नहीं चल सकता. लेकिन ऊंची पहुंच और नियमों को ठेंगा दिखाते हुए, इसी कालेज कैम्पस में माउंट हेरा इंटरनेशनल एकेडमी का भी संचालन हो रहा था. बहरहाल अब देखना ये होगा कि इस दुर्घटना का आरोप किसके सर मढ़ा जाता है और जांच कमेटी किन कमियों को उजागर करती है. फिलहाल यह पता चला है कि निर्माण की जगह का कोई नक्शा पास नहीं था.
तीन सदस्यों की कमेटी करेगी जांच: वहीं निर्माणाधीन बिल्डिंग गिरने के मामले में डीएम जो कमेटी गठित की है वह, तीन सदस्यीय है. जिसमें नगर मजिस्ट्रेट, अधिशासी अभियन्ता PWD प्रान्तीय खण्ड और अधिशासी अभियन्ता PWD निर्माण खण्ड भवन करेंगे जांच. डीएम ने तीन सदस्यीय कमेटी से घटना की तत्काल रिपोर्ट मांगी है. घटना के कारण और उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए आख्या मांगी गई है.
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