गोरखपुर: अगर आप जिलाधिकारी कार्यालय अपने किसी समस्या को लेकर जा रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए पढ़ना और देखना जरूरी है. क्योंकि जनपद के जिलाधिकारी कार्यालय का पता अब बदल चुका है. पुराने कलेक्ट्रेट भवन का ध्वस्तीकरण का काम शुरू हो चुका है और नया कार्यालय क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय के भवन में संचालित होगा.
आपको बता दें कि गोरखपुर के जिलाधिकारी कार्यालय का पता बदल चुका है. कचहरी रोड पर स्थित करीब 117 साल पुराना अंग्रेजों के द्वारा निर्मित कलेक्ट्रेट का भवन काफी पुराना हो गया था. इसके नव निर्माण की योजना प्रदेश की योगी सरकार ने बनाई है. जिसके साथ ही इसके ध्वस्तीकरण का कार्य शुरू हो गया है. यही वजह है कि जिलाधिकारी कार्यालय और उनके मातहत एडीएम सिटी, एडीएम प्रशासन और सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय का पता बदला गया है. अब से नया कलेक्ट्रेट कार्यालय रेलवे बस स्टेशन के नजदीक क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय के भवन में संचालित होगा. जिलाधिकारी समेत सभी कर्मचारी अधिकारी अब यहीं पर मिलेंगे.
गोरखपुर के जिलाधिकारी कार्यालय का नया पता करीब 3 वर्षों में जिलाधिकारी का नया इंटीग्रेटेड कलेक्ट्रेट भवन बनकर तैयार हो जाएगा. बिल्डिंग काफी पुरानी और जर्जर अवस्था में थी, इसील कारण नए भवन की आवश्यकता महसूस की जा रही थी. जिसे योगी सरकार में मंजूरी मिल गई है. भवन के निर्माण में करीब ₹65 करोड़ खर्च होंगे. यहां बनने वाले इंटीग्रेटेड भवन में जिलाधिकारी कार्यालय के अलावा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का भी कार्यालय होगा. इससे एक ही स्थान पर आने वाले सभी प्रकार के फरियादियों को अपनी समस्याओं के निवारण के लिए अधिकारियों से मिलने में आसानी होगी.जिसे पुराने कलेक्टर भवन को तोड़ा जा रहा है. उसका निर्माण वर्ष 1903 में शुरू हुआ था और वर्ष 1910 में यह पूरा हुआ. 1940 से लेकर अब तक इस कार्यालय में जिलाधिकारी और उनके मातहत अधिकारी बैठते थे. पीडब्ल्यू ने इस भवन की कीमत 86 लाख रुपए लगाई है. इसके तोड़े जाने पर करीब ₹20 लाख खर्च होंगे. ध्वस्तीकरण से पहले मिलने वाली रकम को बट्टा खाते में रखा जाएगा.
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नए इंट्रीग्रेटेड भवन में 100 से अधिक चार पहिया वाहनों की पार्किंग का स्थान होगा. भूकंप रोधी बन रहे इस भवन में पहले तल पर जिलाधिकारी कार्यालय और एसएसपी कार्यालय होगा. दूसरे तल पर जिलाधिकारी का कोर्ट और अन्य अधिकारियों के कमरे, स्ट्रांग रूम, पुस्तकालय समेत अन्य व्यवस्थाएं होंगी. हर स्तर पर पहुंचने के लिए लिफ्ट भी लगाई जाएगी. अंग्रेजों के जमाने में अंग्रेजी दफ्तर के नाम से इसे जाना जाता था, लेकिन समय के साथ यह जिलाधिकारी कार्यालय के रूप में बदल गया.
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