गोरखपुर: प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे के विभिन्न अभियानों को शहर से लेकर गांव तक पहुंचाने, टीकाकरण अभियान से लेकर गर्भवती महिलाओं को उचित इलाज दिलाने में स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ साबित होने वाली आशा बहुएं मौजूदा समय में पिछले 6 महीने से अपने मानदेय और प्रोत्साहन राशि के न मिलने से बहुत दुखी हैं. आशा बहुएं जिन्हें आशा कार्यकर्ता भी कहा जाता है, वह अपनी समस्याओं को लेकर उच्चाधिकारियों से कई बार गुहार लगा चुकी हैं. लेकिन, सुनवाई नहीं होने और बार-बार बजट का रोना रोने से अधिकारियों के रवैए से नाराज होकर संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदा यादव ने चेतावनी देते हुए सितम्बर में सड़कों पर उतरने और सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों के बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.
आशा बहुओं की समस्याओं को ईटीवी भारत को बताते हुए आशा बहू कार्यकारी कल्याण सेवा समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदा यादव ने कहा कि गोरखपुर के 20 ब्लॉकों की बात करें तो अधिकतर ब्लॉकों में आशा बहुओं का मानदेय और प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं हो रहा है. यदि एक दो ब्लॉक में कहीं हुआ भी हो तो उसमें भी विभाग के कर्मचारी कटौती कर रहे हैं और पैसे की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विभाग के हर अभियान को आगे बढ़ाने में चाहे वह दस्तक अभियान हो या फिर पल्स पोलियो, आयुष्मान भारत, फाइलेरिया या कोविड-19, आशा बहूएं घर-घर जाकर अपना कर्तव्य निभाती हैं. लेकिन, जब उन्हें उनका मेहनताना यानी कि मानदेय समय से भुगतान नहीं किया जाएगा तो वह अपना घर का खर्च कैसे चलाएंगी.