बरेली : जनपद में फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों से नौकरी हासिल करने वाले दो प्रधानाध्यापकों को एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार कर लिया. उन्हें बीएसए ऑफिस लाया गया, जहां उनके कागजों की जांच पड़ताल की गई. सत्यापन के बाद दोनों को बारादरी थाना पुलिस को सौंप दिया गया. एसटीएफ इंस्पेक्टर ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी धन का गबन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है.
कौन हैं आरोपी प्रधानाध्यापक
- अभी हाल ही में दोनों फर्जी शिक्षकों को प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्त कर दिया गया था.
- लखनऊ के एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह के निर्देश पर सीओ प्रदीप मिश्रा इंस्पेक्टर अंजनी कुमार की टीम फर्जी मामले की जांच कर रही थी.
- जांच पड़ताल में टीम ने शुक्रवार को हरदोई के थाना लोनार के रहने वाले उमेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया.
- उमेश बहेड़ी के प्राथमिक विद्यालय बरगांव में इस समय प्रधानाचार्य के पद पर सेवा दे रहा था.
- इसके अलावा हरदोई के ही लोनार के रहने वाले विनय कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
- विनय बरेली के बहेड़ी के भोसिया प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य के पद पर सेवा दे रहा था.
- एसडीएम ने जांच पड़ताल में पाया कि साल 2007 में रामगोपाल ने बीए की परीक्षा पास की थी. उनके रोल नंबर पर उमेश ने अपनी मार्कशीट बनवाई.
- इसके अलावा 2008 में जुल्फिकार ने बीपीएड किया था. उसके अंकपत्र पर उमेश ने अपने अंक पत्र तैयार किए.
- वहीं, विनय कुमार ने 2008 में विशाल सिंह के बीपीएड की मार्कशीट पर अपने कागज तैयार कराए.
जानें, आरोपियों ने क्या कहा