बरेली: जिले को नाथनगरी भी कहा जाता है. वैसे तो बरेली में भगवान शिव के हर दिशा में प्रसिद्ध धाम हैं लेकिन वनखंडी नाथ मंदिर का अपना अलग महत्व है. शहर के जोगिनवादा इलाके में वनखंडी नाथ मंदिर स्थित है. इस मंदिर में हर दिन भक्तों का तांता लगा रहता है. बरेली में भगवान शिव के कई पौराणिक मन्दिर हैं. वनखंडी नाथ मंदिर भी उन्हीं में से एक है. बताया जाता है कि इस स्थान पर घना वन हुआ करता था. द्वापर युग में पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान इस वन में कुछ समय गुजारा था. इस दौरान पांडवों ने यहां भगवान शिव की पूजा की थी.
वनखंडी नाथ मंदिर: यहां दिन में तीन बार बदलता है शिवलिंग का रंग, पांडवों ने की थी पूजा
सावन में बरेली के वनखंडी नाथ मंदिर का महत्व बढ़ जाता है. यहां भगवान शिव का स्वयंभू शिवलिंग है, जो दिन में तीन बार रंग बदलता है. इस मंदिर को द्वापर युग का बताया जाता है. कहा जाता है कि इस स्थान पर पांडव भी आए थे और द्रोपदी ने यहां भोजन बनाया था.
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श्रावण मास में यहां जलाभिषेक, रुद्राभिषेक समेत विशेष पूजा अर्चना होती है. वनखंडी नाथ मंदिर का संचालन पंच दशनाम जूना अखाड़ा करता है. यहां आने वाले भक्तों का कहना है कि भगवान शिव के इस मंदिर से आज तक कभी कोई खाली हाथ नहीं गया. मंदिर में रहने वाले महंतों का कहते हैं कि यहां यज्ञशाला, गौशाला समेत साधुओं के विश्राम करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था है. कहा जाता है कि इस स्थान पर द्वापर युग में पांडवों ने तपस्या की थी.