बरेली: एक ही ब्लॉक के 6 गांव में शत प्रतिशत टीकाकरण कर लिया गया है. ये वो गांव हैं, जहां वैक्सीन लगाने के लिए टीम पहुंचती थी, तो गांव के लोग रफूचक्कर हो जाते थे. प्रधान और कोटेदार ने स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ वर्कर्स का सहयोग किया. फतेहगंज पश्चिमी के 6 गांवों के लोगों ने मण्डल में सबसे पहले कोरोना का टीका लगवा लिया है. इन गांवों में स्वास्थ्यकर्मियों, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व ग्राम प्रधान और कोटेदारों ने आपसी तालमेल से बरेली मण्डल में सभी पात्रों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगा दी गई है. फतेहगंज पश्चिमी सामुदायिक स्वास्थ्यकेन्द्र के अंतर्गत आने वाले न्यौधना, मनकरी, उनासी, पटबईया, सिरसा जागीर, खड़गपुर ये मण्डल के ऐसे गांव बन गए हैं, जहां शत प्रतिशत वैक्सीनेशन हो चुका है.
कोरोना वैक्सीन से कतराने वाले गावों ने बना दिया रिकॉर्ड - corona vaccine record
बरेली में एक ही ब्लॉक के 6 गांव में शत प्रतिशत टीकाकरण कर लिया गया है. ये ऐसे गांव हैं, जहां के लोग पहले कोरोना वैक्सीन लगवाने से कतरा रहे थे. अब इन गांव के सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है.
वैक्सीन से डरते थे ग्रामीण
इन गांवों में पहले लोग कोरोना के टीके लगवाने के डर से घरों में छिप जाते थे या फिर जंगलों में खेतों पर काम करने के बहाने कहीं चले जाते थे. फतेहगंज पश्चिम के एमओआईसी डॉ. संचित शर्मा ने हेल्थ वर्कर के साथ गांव के लोगों को प्रेरित किया तो लोगों का डर चला गया. ईटीवी भारत से उनासी गांव के प्रधान ने कहा कि यह सबके सहयोग से हुआ है और कोरोना को मात देने के लिए वैक्सीन बेहद ज़रूरी है. गांव के कोटेदार की मदद से उन्होंने पूरे गांव के लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए मना लिया.
कक्षा पांच तक पढ़े गांव के रमेश कहते हैं कि वैक्सीन लगवाना सुरक्षित है. इस बारे में उन्होंने भी लोगों को जागरूक किया और खुद भी वैक्सीन सबसे पहले लगवाई, जिससे गांव वालों का डर दूर हो गया. गौरतलब है कि बरेली मण्डल में फतेहगंज पश्चिमी के 6 गांव में तेजी से हुए टीकाकरण के बाद अब मण्डल में इन गांवों की चर्चा हो रही है. वहीं यहां के स्वास्थ्य महकमे से जुड़े अधिकारियों, कर्मचारियों से लेकर ग्राम प्रधानों की सराहना भी हो रही है. खास बात ये भी है कि प्रदेश में आगरा जनपद के फतेहाबाद ब्लॉक का एक गांव सबसे पहले वैक्सीनेट हो गया था. इसके अगले ही दिन बरेली का मनकरी गांव प्रदेश में दूसरे नम्बर पर था, जबकि अब तो यहां के 6 गांव वेक्सीनेटिड हो चुके हैं.