बरेली:प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिताओं में कई मेडल जीत चुके एथलीट आर्थिक तंगी की ऐसी मार झेल रहे हैं कि उन्हें अपनी डाइट और किट खरीदने के लिए खेतों में मजदूरी तक करनी पड़ रही है. घर की स्थिति खराब होने से पैसों की जरूरत को पूरा करने के लिए खेतों में मजदूरी पर गेहूं तक काटने को मजबूर हैं. अधिकतर खिलाड़ियों की आर्थिक स्थिति ठीक न होने से मां-बाप इनको सही डाइट और महंगे किट खरीद कर देने में असमर्थ है.
शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर रिठौरा कस्बा है. यहां लगभग 24 एथलीट आम के बगीचे में प्रैक्टिस कर पसीना बहाते हैं. इनमें से अधिकतर खिलाड़ियों के पिता मजदूरी करते हैं. इसके चलते उनकी आर्थिक स्थिति खराब है. इन एथलीट के समूह में लड़के और लड़कियां दोनों हैं. खेतों में मजदूरी करने वाली एथलीट काजल चक्रवर्ती ने अभी कुछ दिन पहले ही एथलेटिक प्रतियोगिता लखनऊ में 5000 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता था. वहीं, लखनऊ विश्वविद्यालय की क्रॉस एंटी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक प्राप्त किया.
काजल चक्रवर्ती जिले से लेकर उत्तर प्रदेश लेवल तक की प्रतियोगिताओं में भाग लेकर दर्जनों मेडल जीत चुकीं हैं. उनके अंदर कुछ कर गुजरने का जुनून है. काजल के पिता मजदूर हैं. मजदूरी से इतना पैसा नहीं पैदा कर पाते कि बेटी और परिवार के अन्य सदस्यों की जरूरतों को पूरा कर सकें. इसलिए काजल ने अपने समूह के साथियों के साथ खेतों में मजदूरी करने का मन बनाया. पिछले दिनों गन्ने की बुवाई का काम किया और अभी हाल में मजदूरी पर गेहूं की कटाई की. इसके पैसों से अपने खाने का सामान खरीदा.