उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / city

अमेठी : कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी का बयान, कहा- मसूद अजहर भाजपा का पाप

संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को बुधवार को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया. इसे मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत बताया जा रहा है. वहीं कांग्रेस ने इस मुद्दे पर कहा है कि यह भाजपा का ही किया पाप है.

प्रमोद तिवारी ने मसूद अजहर को बताया भाजपा का पाप

By

Published : May 2, 2019, 7:14 PM IST

अमेठी : तीन चरणों का चुनाव अभी बाकी है. ऐसे में मसूद अजहर के वैश्विक आतंकी घोषित होने के मुद्दे को भाजपा चुनाव में भुना सकती है. इस मुद्दे पर राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि हम जनता को बताएंगे कि मसूद अजहर कौन है? यह वही मसूद अजहर है जिसे कांग्रेस पार्टी ने जेल में बंद किया था और भारतीय जनता पार्टी ने उसे कश्मीर की जेल से छोड़कर कंधार पहुंचाया था.

उन्होंने कहा कि अगर भाजपा की तत्कालीन सरकार ने उसे कंधार नहीं पहुंचाया होता तो आतंकवाद पनपा ही नहीं होता. प्रमोद तिवारी ने कहा कि मसूद अजहर भाजपा का पाप है. भाजपा ने उसे छोड़ा ही नहीं बल्कि सम्मान सहित कंधार पहुंचाया. साथ ही पैसे भी दिए. हिंदुस्तान में आज जो आतंकवाद हो रहा है वह भाजपा की उसी लापरवाही और कमजोरी का नतीजा है.

प्रमोद तिवारी ने मसूद अजहर को बताया भाजपा का पाप.

ग्लोबल आतंकी मसूद अजहर

बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद ने ग्लोबल आतंकी घोषित कर दिया है. इस फैसले के बाद मसूद तमाम अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के दायरे में आ गया है. चीन काफी लंबे अर्से से इसमें अड़ंगा लगा रहा था. पुलवामा हमले के बाद फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने का प्रस्ताव लाए थे.

मसूद अजहर की रिहाई

24 दिसंबर 1999 को भारत के एक विमान को आतंकियों ने हाइजैक कर लिया था. इस विमान में कुल 180 यात्री सवार थे. विमान को अपहरण के बाद अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया था. आतंकियों ने यात्रियों को सुरक्षित छोड़ने के लिए भारत के सामने शर्त रखी. इसके तहत भारत को कश्मीर जेल में बंद 36 चरमपंथियों को रिहा करना था साथ ही 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रकम भी अदा करनी थी. तालिबान की मध्यस्ता के बाद भारत तीन आतंकियों को रिहा करने के लिए राजी हो गया. इनमें मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद जरगर जैसे खूंखार आंतकी शामिल थे. 31 दिसंबर को भारत के तत्कालीन विदेश मंत्री इन आतंकियों को कंधार छोड़ने गए थे. बदले में सभी यात्रियों की सुरक्षित वतन वापसी हो गई.

ABOUT THE AUTHOR

...view details