प्रयागराज:इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पुरानी प्रतिष्ठा बचाने और शैक्षणिक गतिविधियों को और बेहतर बनाने के लिए यहां के पूर्व प्रोफेसर और छात्र संघ के पदाधिकारियों ने बीड़ा उठाया है. इसमें शिक्षण संस्थानों के पदाधिकारियों के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता और कानूनविद भी शामिल होंगे. इसके लिए बुद्धजीवियों ने पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बनेंगी संयुक्त समिति, कानूनविद भी होंगे शामिल - इलाहाबाद विश्वविद्यालय बचाओ संयुक्त समिति का गठन
प्रयागराज में स्थित प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और शिक्षक संघ अध्यक्ष राम किशोर शास्त्री ने जानकारी देते हुए बताया कि विश्विद्यालय की प्रतिष्ठा और गरिमा को बचाने के 'इलाहाबाद विश्वविद्यालय बचाओ' संयुक्त समिति का गठन किया गया है.

मीडिया से बात करते राम किशोर शास्त्री, शिक्षक संघ अध्यक्ष
मीडिया से बात करते राम किशोर शास्त्री, शिक्षक संघ अध्यक्ष
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बोलते हुए राम किशोर शास्त्री ने कहा कि यहां के कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू ने अपने द्वारा किए गए आर्थिक घोटाले को छुपाने के लिए अपने पूरे कार्यकाल में एक बार भी विश्वविद्यालय सभा या कोर्ट की बैठक नहीं बुलाई, जिसमें सदन के नामित सांसद भी होते हैं. इनकी बैठक कभी नहीं बुलाई गई, जबकि कोर्ट के सदस्यों के अनुमोदन से विश्विद्यालय का बजट पास होता है. विश्वविद्यालय एक्ट के मुताबिक इसके कोर्ट को ही किसी बजट को पास करने का अधिकार है.