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हाईकोर्ट ने अरैल रेलवे ओवर ब्रिज के खिलाफ याचिका खारिज की - प्रयागराज में अरैल

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि लोक महत्व के प्रोजेक्ट के खिलाफ व्यक्तिगत हित प्रभावी नहीं है. कोर्ट ने कहा कि लोक महत्व के प्रोजेक्ट निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण में खामियां भी हो तो भी जनहित को देखते हुए अधिग्रहण निरस्त नहीं किया जा सकता.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

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Published : Jan 5, 2022, 10:23 PM IST

प्रयागराजःइलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने भूमि अधिग्रहण के खिलाफ याचिका की सुनावई करते हुए कहा है कि व्यक्तिगत हित, वृहत्तर जनहित पर प्रभावी नहीं हो सकता. लोक महत्व के प्रोजेक्ट निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण में खामियां भी हो तो भी जनहित को देखते हुए अधिग्रहण निरस्त नहीं किया जा सकता. अन्यथा प्रोजेक्ट पूरा करने में देरी होगी और आसपास के लोगों को प्रोजेक्ट के उपयोग से वंचित होना होगा. भू स्वामी को अपनी जमीन का मुआवजा पाने का अधिकार है. यह टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने प्रयागराज में अरैल क्षेत्र में पंचदेवरा गांव में बन रहे रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है. यह आदेश मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने श्रीमती प्रभा शुक्ला व अन्य की याचिका पर दिया है.

याचिका पर अधिवक्ता उदय नंदन व विपक्षी अधिवक्ता प्रांजल मेहरोत्रा ने बहस की. याची के वकील ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि याचिकाकर्ता अपनी खेती की जमीन पर मकान बना रही थी. नींव व पिलर खड़े कर दिए हैं, जिसका अधिग्रहण किया गया है. लेकिन याची के पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. कहा, याची के पुनर्वास किये जाने तक बेदखली न की जाए.

वहीं, सरकारी वकील का कहना था कि याची अधिग्रहीत भूमि पर निवास नहीं करता. प्रोजेक्ट 45 फीसदी पूरा हो चुका है. जाम से निजात दिलाने के लिए जनहित में 38 करोड़ की लागत से ओबर ब्रिज निर्माण किया जा रहा है, जिसे मार्च 2022 तक पूरा किया जाना है.

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सरकारी वकील ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट ने भी रमणीक लाल एन भट्ट केस में कहा है कि लोक महत्व के निर्माण रुकने नहीं चाहिए. प्राइवेट हित पर जनहित प्रभावी होंगे और याचिका जनहित के विपरीत है. याची के पक्ष में कोर्ट का स्थगनादेश है, जिसके कारण निर्माण रुका हुआ है. इसलिए याचिका खारिज की जाय. इसपर कोर्ट ने कहा कि रेलवे ओवर ब्रिज का 45 फीसदी निर्माण हो चुका है, इसलिए हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता.

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