प्रयागराज.इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों और अधिकरणों में मुकदमों की सुनवाई व्यवस्था की जारी गाइडलाइंस में संशोधन किया है. सभी जिला न्यायाधीशों, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय, कामर्शियल अदालतों के पीठासीन अधिकारियों, भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्वास अधिकरणों, वाहन दुर्घटना दावा अधिकरणों को रोटेशन के अनुसार न्यूनतम न्यायिक अधिकारियों व 33 फीसदी से कम स्टाफ से रोटेशन से काम लेने के लिए अधिकृत किया गया है. जिला प्रशासन व सीएमओ की सलाह पर अदालत बंद कर हाईकोर्ट को सूचित करने को कहा गया है.
शनिवार को बंद रहेंगी अदालतें
महानिबंधक आशीष गर्ग द्वारा जारी गाइडलाइंस के अनुसार, शनिवार को अदालतें बंद रहेंगी. दिन में साढ़े 10 बजे से ढाई बजे तक अतिआवश्यक मामले सुने जाएंगे. एक जज को एक क्षेत्राधिकार के मामले दिए जाएंगे. न्यायिक कार्य समाप्त होते ही न्यायिक अधिकारी न्यायालय परिसर छोड़ देंगे. मुकद्दमों की सुनवाई शारीरिक व वर्चुअल दोनों तरीके से होगी, किन्तु जिला जज या पीठासीन अधिकारी पर होगा कि चाहे तो जरूरत पड़ने पर वर्चुअल सुनवाई की व्यवस्था कर सकेगा. अर्जिया पूरे ब्यौरे, मोबाइल फोन नंबर व आईडी के साथ मेल से दाखिल होगी. कंप्यूटर विभाग इसे डाउनलोड कर कार्यवाही करेगा.
वादकारियों का कोर्ट परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा
जिन वकीलों का केस लगा होगा, केवल वही कोर्ट में जाएंगे. वादकारियों का कोर्ट परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. जरूरी होने पर कोर्ट प्रवेश की अनुमति दे सकेगी. वकील बहस के बाद बाहर चले जाएंगे. वकीलों व वादकारी को आरटी-पीसीआर की कोरोना जांच रिपोर्ट देनी होगी. योजनावार पदाधिकारियों से चर्चा कर 24 अप्रैल से लागू होगी. बंदी के दिन परिसर का सेनेटाइजेशन किया जाएगा.