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सेवानिवृत्ति विकल्प न देने पर अध्यापक की ग्रेच्युटी देने से इंकार नहीं कर सकते: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि 60 साल में सेवानिवृत्ति का विकल्प नहीं भरने और पहले ही मौत हो जाने पर सहायक अध्यापक की ग्रेच्युटी का भुगतान करने से इंकार नहीं किया जा सकता.

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Published : Mar 11, 2022, 8:40 PM IST

ईटीवी भारत
allahabad high court order

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि 60 साल में सेवानिवृत्ति का विकल्प नहीं भरने और पहले ही मौत हो जाने पर सहायक अध्यापक को ग्रेच्युटी का भुगतान करने से इंकार नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक जौनपुर को सर्वेश कुमारी केस के फैसले के आलोक में ग्रेच्युटी का भुगतान करने के लिए तीन माह में निर्णय लेने का आदेश दिया.

अदालत ने कहा कि बिना देरी किए अन्य कार्रवाई पूरी की जायें. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव जोशी ने अजीत कुमार श्रीवास्तव की याचिका पर दिया. याचिका पर अधिवक्ता घनश्याम मौर्य ने बहस की थी.

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इनका कहना था कि याची की पत्नी शिवमूर्ति बालिका इंटर कॉलेज केराकत, जौनपुर में बायोलॉजी की सहायक अध्यापिका थीं. सेवा काल में ही उनकी मौत हो गई थी. सेवानिवृत्ति लाभों का भुगतान किया गया, लेकिन ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया गया. कहा गया कि याची की पत्नी ने सेवानिवृत्ति विकल्प नहीं दिया था, जिसे चुनौती दी गई थी.

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