प्रयागराज: चार याचिकाएं मंजूर होने के बाद भी अल्पसंख्यक कॉलेज के छह सहायक अध्यापकों व एक प्रवक्ता के वेतन का भुगतान नहीं करना, आगरा के डीआईओएस मनोज कुमार के लिए परेशानी का सबब बन गया. गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें हिरासत में लेने का निर्देश दे दिया. अपर शिक्षा निदेशक व अपर महाधिवक्ता के आश्वासन पर कोर्ट ने उन्हें लगभग दो घंटे बाद छोड़ा.
अहमदिया हनफिया इंटर कॉलेज की प्रबंध समिति के अधिवक्ता वशिष्ठ तिवारी ने बताया कि अल्पसंख्यक विद्यालय में छह सहायक अध्यापक कों व एक प्रवक्ता की नई नियुक्ति हुई थी लेकिन उन्हें वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा था. प्रबंध समिति ने वेतन भुगतान को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. कोर्ट ने वेतन भुगतान का आदेश दिया लेकिन आदेश का अनुपालन नहीं हुआ.
हाईकोर्ट ने डीआईओएस को तलब किया और उन्हें आदेश के अनुपालन का मौका दिया तो उन्होंने प्रबंध समिति का प्रत्यावेदन निरस्त कर दिया. इसके बाद फिर याचिका और उस पर आदेश हुआ तो पुराना आदेश वापस ले लिया गया लेकिन वेतन भुगतान नहीं किया गया. एडवोकेट वशिष्ठ तिवारी ने बताया चार याचिकाएं मंजूर होने के बाद भी शिक्षकों को वेतन का भुगतान नहीं किए जाने पर कोर्ट ने डीआईओएस को गुरुवार को फिर तलब किया था. उन्होंने कोर्ट को बताया कि उप-मुख्यमंत्री के निर्देश के कारण वेतन भुगतान नहीं किया गया.
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कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए डीआईओएस को हिरासत में लेने का निर्देश दिया. इसकी जानकारी पाकर अपर शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव अपर महाधिवक्ता व मुख्य स्थायी अधिवक्ता के साथ पहुंचे और कोर्ट को आश्वासन दिया कि शुक्रवार को दोपहर एक बजे तक वर्तमान और 23 सितंबर तक के एरियर का भुगतान कर दिया जाएगा. इस आश्वासन पर कोर्ट ने डीआईओएस को छोड़ा.