प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बदायूं के सिंचाई विभाग के छह कर्मचारियों की वर्कचार्ज के रूप में सेवा अवधि को जोड़कर क्वालीफाइंग सर्विस अवधि का निर्धारण करने और महेंद्र प्रताप के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत विचार कर निर्णय लेने का निर्देश दिया है. उच्च न्यायलय ने यह भी कहा कि याची सेवाजनित अन्य लाभ पाने के हकदार हैं. इलाहाबाद कोर्ट ने राज्य सरकार को कार्रवाई चार सप्ताह में पूरी करने का निर्देश दिया है.
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यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने राकेश कुमार व पांच अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया. याचिका पर अधिवक्ता राघवेन्द्र प्रसाद मिश्र ने बहस की थी. याचिका में याचियों की वर्कचार्ज सेवा अवधि को क्वालीफाइंग सर्विस तय करने में जोड़ने से इनकार करने के आदेश की वैधता को चुनौती दी गई थी.
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अधिवक्ता का तर्क था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विचार नहीं किया गया, जिसमें साफ कहा है कि वर्कचार्ज सेवा को भी जोड़ा जाएगा. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित आदेश को रद्द कर दिया. और चार सप्ताह में निर्णय लेने का निर्देश दिया.