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इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश, शाइन सिटी मामले में नसीम बंधुओं सहित सभी आरोपी किए जाएं गिरफ्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाइन सिटी के निवेशकों के करोड़ों की धोखाधड़ी के मुख्य आरोपी नसीम ब्रदर्स व अन्य की गिरफ्तारी का आदेश दिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि देश से भागे अभियुक्त का पासपोर्ट तत्काल निरस्त किया जाए.

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Published : Oct 7, 2021, 10:31 PM IST

प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाइन सिटी के निवेशकों के करोड़ों की धोखाधड़ी के मुख्य आरोपी नसीम ब्रदर्स व अन्य की आरोपियों की गिरफ्तारी का आदेश दिया. अदालत ने कहा है कि देश से भागे अभियुक्त का पासपोर्ट तत्काल निरस्त किया जाए. कोर्ट ने आर्थिक अपराध शाखा के निदेशक को 22 अक्टूबर को तलब किया है और कहा है कि विदेश भागने के दो मुख्य आरोपियों में से एक का ही पासपोर्ट क्यों निरस्त किया गया.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि 1647 निवेशकों के 237 करोड़ हड़पने वालों के खिलाफ 284 एफआईआर दर्ज कराई गई है. एफआईआर दर्ज होते ही पासपोर्ट क्यों नहीं निरस्त किया गया. अदालत ने हैरानी जताई कि अभियुक्तों के खिलाफ वारंट जारी किया गया है. एक अधिवक्ता के मार्फत केस में पक्ष भी रखा जा रहा है. किन्तु उसकी गिरफ्तारी नहीं की गई.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निदेशक आर्थिक अपराध शाखा व प्रदेश के डीजीपी को तलब किया था. डीजीपी की अगली तिथि पर हाजिरी माफ कर दी है. किन्तु निदेशक को हाजिर होने का निर्देश दिया है. यह आदेश एक्टिंग चीफ जस्टिस एमएन भंडारी और जस्टिस पीयूष अग्रवाल के खंडपीठ ने श्रीराम राम की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया.

राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने अनुपालन रिपोर्ट पेश की. कोर्ट से अपर महाधिवक्ता ने दो हफ्ते का समय मांगा. कोर्ट ने पुलिस आर्थिक अपराध शाखा के रवैए पर नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने कहा कि 2019 में एफआईआर दर्ज हुई है और हजारों निवेशकों का करोड़ों हजम करने वाले अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी. दो मुख्य आरोपियों राशिद नसीम व आसिफ नसीम में से केवल एक का ही पासपोर्ट निरस्त किया गया है.

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अदालत ने कहा कि एफआईआर दर्ज होते ही पासपोर्ट निरस्त क्यों नहीं किया गया, यह बात समझ से परे है. कोर्ट ने कहा कि उन्हें वापस लाने के लिए विदेश मंत्रालय नहीं पता लगा सका कि मुख्य आरोपी किस देश में है. अब कोर्ट ने अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए दो हफ्ते का समय दिया है. कोर्ट ने आदेश की प्रति विदेश मंत्रालय को कार्रवाई के लिए भेजने का निर्देश दिया और याचिका को विमल कुमार मिश्र केस के साथ सुनवाई के लिए 22 अक्टूबर को पेश करने का आदेश दिया.

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