प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि सात साल तक की सजा वाले अपराधों में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 का पालन किए बगैर पुलिस अभियुक्त को गिरफ्तार नहीं कर सकती है. ऐसे में आरोपी को अग्रिम जमानत देने का कोई औचित्य नहीं है. याची के खिलाफ दर्ज एफआईआर में लगे आरोपों से अधिकतम सात साल की ही सजा हो सकती है. पुलिस याची की गिरफ्तारी नहीं कर सकती है.
कोर्ट ने अग्रिम जमानत पर रिहा करने की मांग को अस्वीकार करते हुए अर्जी निस्तारित कर दी. यह आदेश (Allahabad High Court Order) न्यायमूर्ति ओम प्रकाश ने रामगढ़ फिरोजाबाद के वसीम उस्मानी की अग्रिम जमानत अर्जी पर दिया. याची का कहना था कि बीएनएस कंपनी से शिकायतकर्ता का लेन-देन हुआ था. याची का इससे कोई सरोकार नहीं है.