प्रयागराज: कासगंज के युवक अल्ताफ की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग को लेकर दाखिल याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संशोधित करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने पीयूसीएल की ओर से याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता एसएफए नकवी से कहा है कि वह याचिका में कुछ गैरजरूरी तथ्यों को हटाकर नए सिरे से प्रस्तुत करें. याचिका पर सोमवार को मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने सुनवाई की.
याचिका में कहा गया कि अल्पताल की पुलिस लॉकअप में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है. पुलिस के मुताबिक अल्ताफ ने बाथरूम में पानी के पाइप से लटक कर खुदकुशी की थी. याचिका में कहा गया कि दो फीट ऊंचे पाइप से साढ़े पांच फीट लंबे व्यक्ति के लटक कर खुदकुशी करने की बात वैज्ञानिक रूप से सही नहीं लगती. ऐसा मुमकिन नहीं है. इसलिए निष्पक्ष एजेंसी से दोबारा पोस्टमार्टम कराया जाए. इसकी वीडियो रिकार्डिंग और फोटोग्राफ भी लिए जाएं. याचिका में मांग की गई कि पोस्टमार्टम में राज्य सरकार में सेवारत डाक्टर या कर्मचारी नहीं हों.
याचिका में यह भी मांग की गई थी कि हिरासत में होने वाली मौत के मामलों में पोस्टमार्टम निष्पक्ष एजेंसी से कराने के लिए सामान्य दिशानिर्देश जारी किए जाएं. ऐसे मामलों में राज्य सरकार की किसी एजेंसी को पोस्टमार्टम में शामिल न किया जाए. पीयूसीएल ने अल्ताफ की मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में पहले ही याचिका दाखिल की थी.
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