उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / city

जेएनएमसी के डाक्टरों ने दिया नया जीवन, 51 वर्षीय महिला की सेरेब्रल एन्यूरिज्म सर्जरी हुई

डॉक्टरों ने 51 वर्षीय महिला की एएमयू के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज में सेरेब्रल एन्यूरिज्म सर्जरी की. महिला की मस्तिष्क की धमनी की दीवार में उत्पन्न 'गुब्बारा' जैसे असामान्य उभार जिसे सेरेब्रल एन्यूरिज्म कहते हैं, उसका सफल ऑपरेशन किया.

By

Published : Nov 23, 2021, 10:32 PM IST

जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज में सेरेब्रल एन्यूरिज्म सर्जरी
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज में सेरेब्रल एन्यूरिज्म सर्जरी

अलीगढ़: मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज में सेरेब्रल एन्यूरिज्म सर्जरी न्यूरोसर्जरी विभाग के डाक्टरों ने कार्डियोलाजी विभाग की मदद से की. यहां 51 वर्षीय महिला की सेरेब्रल एन्यूरिज्म सर्जरी हुई. उसके मस्तिष्क की एक धमनी की दीवार में उत्पन्न 'गुब्बारे' जैसे असामान्य उभार जिसे सेरेब्रल एन्यूरिज्म की स्थिति को कठिन सर्जरी से हटाया गया.

मुरादाबाद निवासी कमलेश को कुछ दिनों पूर्व अचानक गंभीर सिरदर्द तथा इसके तुरंत बाद मतली, उल्टी, गर्दन में अकड़न और धुंधली दृष्टि जैसे लक्षण उत्पन्न हो गया था. इसके बाद उनके रिश्तेदार कमलेश को तुरंत अलीगढ़ लेकर आए. जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज (Jawaharlal Nehru Medical College) में समय पर सर्जरी के बाद कमलेश अब ठीक हो रहीं हैं.

न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रोफेसर एमएफ हुदा ने कहा कि हमें तुरंत एक एंडोवास्कुलर कोआइलिंग प्रक्रिया करनी थी. इसमें प्लैटिनम काइल्स को मुक्त करने के लिए एन्यूरिज्म युक्त धमनी में एक कैथेटर से गुजारा गया था. इसके अतिरिक्त बाद में एक माइक्रोकैथेटर प्रारंभिक कैथेटर के माध्यम से विद्युत प्रवाह को पारित करने और धमनीविस्फार के द्वार को बंद करने के लिए डाला गया था. उन्होंने बताया कि अगर मरीज सर्जरी के लिए समय पर नहीं पहुंचा, तो उसके मस्तिष्क में उभार आसपास की नसों पर दबाव डालता. इससे रक्तस्राव, मस्तिष्क क्षति, कोमा या मृत्यु भी हो सकती थी. न्यूरोसर्जरी विभाग में ऐसा दर्लभ सर्जरी कर नया जीवन दिया गया.



प्रो. एमएफ हुदा ने आवश्यक सहयोग और कैथ लैब सुविधाएं प्रदान करने के लिए कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर एमयू रब्बानी और उनकी टीम का आभार व्यक्त किया. न्यूरोसर्जरी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर रमन मोहन शर्मा ने कहा कि दुर्लभ सेरेब्रल एन्यूरिज्म को दूर करने के लिए न्यूरोसर्जरी विभाग की विशेषज्ञता अलीगढ़ के आस-पास के क्षेत्रों में निम्न आय वर्ग के रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रही है.

उन्हें अब महानगरों के महंगे निजी अस्पतालों तक नहीं जाना पड़ता. न्यूरोसर्जरी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. एम ताबिश खान, डॉ. मोहम्मद अहमद अंसारी और डॉ. तारिक मतीन ने बताया कि रोगी में एन्यूरिज्म को पूरी तरह से समाप्त किया गया. डॉ. ओबैद सिद्दीकी (एसोसिएट प्रोफेसर, एनेस्थिसियोलाजी विभाग) ने रोगी को एनेस्थीसिया सहायता की थी.

ये भी पढ़ें- किसानों से है पीएम मोदी की सहानुभूति, कृषि कानून से कुछ आंदोलन जीवी उठा रहे थे फायदा : वीके सिंह

एएमयू के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने कहा कि विश्वविद्यालय समुदाय को इस दुर्लभ सर्जरी की उपलब्धि पर गर्व है. उत्कृष्टता के इस स्तर को प्राप्त करने के लिए रोगी की देखभाल के सभी पहलुओं से समन्वित प्रयासों की आवश्यकता होती है. इसमें प्री-आपरेटिव असेसमेंट एंड केयर, इंट्रा-आपरेटिव मैनेजमेंट, और इन-पेशेंट और आउट पेशेंट पोस्टआपरेटिव केयर शामिल हैं. सर्जरी करने वाले डाक्टरों को बधाई देते हुए फैकल्टी आफ मेडिसिन के डीन प्रो राकेश भार्गव और ने कहा कि न्यूरोसर्जरी विभाग के डाक्टर प्रत्येक मस्तिष्क धमनीविस्फार रोगी का मूल्यांकन करते हैं, ताकि मरीज की विशिष्ट स्थिति के लिए सबसे अच्छी चिकित्सा या उपचार निर्धारित किया जा सके.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details