आगरा:धूल-धुएं और मौसम के बदले मिजाज से अस्पताल और प्राइवेट डॉक्टरों के क्लीनिक पर मरीजों की भीड़ बढ़ी है. ओपीडी में प्रदूषण से सर्दी, खांसी, जुकाम और एलर्जी से पीड़ित बच्चे, किशोर, युवा, महिला-पुरुष के साथ बुजुर्ग पहुंच रहे हैं. एक्यूआई बढ़ने से हवा दमघोंटू हो जाती है और इससे दमा और अस्थमा के मरीजों की मुश्किल बढ़ गयी हैं.
जानकारी देते राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के चिकित्साधिकारी डॉ. लोकेन्द्र सिंह ईटीवी भारत ने आगरा राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के आयुर्वेदाचार्य चिकित्साधिकारी डॉ. लोकेंद्र सिंह से विशेष बातचीत की. उन्होंने बताया कि लोग अपनी रसोई की मसालदानी, शहद और गुड़ का उपयोग करके इम्युनिटी बढ़ाने के साथ ही स्वस्थ रह सकते हैं.
इम्यूनिटी बढ़ाने के घरेलू उपाय बताते हुए डॉ. लोकेन्द्र सिंह ने कहा कि हम लोग अपने घर पर ही अपने स्वास्थ्य का ख्याल रख सकते हैं. क्योंकि, कुछ चीजें आयुर्वेद में ऐसी हैं, जो हमारी किचन की मसाला दानी में हैं. जिसका इस्तेमाल करके हवा और अपने सांस सबंधी रोग को ठीक कर सकते हैं.
आगरा के राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में मौजूद मरीज शहद पिघलाता है बलगम: डॉ. लोकेन्द्र सिंह ने बताया कि, हर घर में शहद होता है. इस मौसम में शहद का उपयोग करना बहुत जरूरी है. शहद में अदरक और अपनी मसालदानी से काली मिर्च डालकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय खाएं. शहद कर्षण का काम करता है. कर्षण यानी किसी चीज को घिसना या निकाल देना.
शहीद के इस गुण की वजह से फेफड़ों में जमा बलगम पिघल कर निकलता है. शहद में ग्लूकोस नहीं होता है. शहद में ग्लूकोज की दूसरी फॉर्म फ्रक्टोज होता है. शहद में मिनिरल्स भी होते हैं. बलगम को बाहर निकालने के साथ ही शहद इम्यूनिटी बूस्ट भी करता है. इससे रोगों से लड़ने की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. शहद बच्चों और बुजुर्ग सभी को दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कई लोग सुबह गुनगुने पानी में शहद लेते हैं. यह भी बहुत फायदेमंद है.
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दालचीनी का बनाएं काढ़ा: डॉ. लोकेन्द्र सिंह ने बताया कि जब आपके घर में शहद नहीं है, तो 'गुड़' को इस्तेमाल कर सकते हैं. गुड़ भी प्यूरीफिकेशन का काम करता है. हमारे गले, नेसल पैसेज या रेस्पिरेट्री ट्रैक में म्यूकस बनता होता है, तो गुड़ उसे पिघलाता है और बाहर भी निकालता है. खांसी में भी गुड़ फायदेमंद है.
गुड़ के साथ काली मिर्च और लौंग डालकर काढ़ा (क्वाथ) बनाकर सुबह और शाम 20-20 एमएल ले सकते हैं. इसके साथ ही रसोई की मसालदानी से लौंग, जायफल, जावित्री, काली मिर्च, धनिया और जीरा भी इस मौसम में बीमारियों से लड़ने में मदद करेंगे. इस मौसम में दालचीनी का टुकड़ा, लौंग और काली मिर्च का काढ़ा (kadha benefits) बनाकर उपयोग कर सकते हैं.
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