आगरा: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 का बिगुल बज चुका है. शुक्रवार को प्रथम चरण में 10 फरवरी को होने वाले मतदान को लेकर नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई. ताजनगरी में शुक्रवार को एक ऐसा उम्मीदवार नामांकन पत्र खरीदने के लिए पहुंचा, जो अब तक 93 बार चुनाव लड़ चुका है. हम बात कर रहे हैं हसनूराम आंबेडकरी की, जो ग्राम पंचायत से लेकर राष्ट्रपति तक का चुनाव लड़ चुके हैं. वो 100 बार चुनाव हारकर रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं.
हार ही हर चुनाव में हसनूराम की दिली ख्वाहिश होती है. ईटीवी भारत से हसनूराम आंबेडकरी ने विशेष बातचीत की. उन्होंने बताया कि इस बार मैं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के रूप में मिली रकम से चुनाव लड़ रहा हूं. मैंने अभी खेरागढ़ विधानसभा और आगरा ग्रामीण विधानसभा से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र खरीदा है.
15 अगस्त 1947 को आगरा की खेरागढ़ तहसील के नगला दूल्हा में हसनूराम आंबेडकरी जन्म हुआ था. वो पहले राजस्व विभाग में अमीन थे. 1985 में बसपा ने उनको टिकट नहीं दिया और कहा था कि तुम्हें तो तुम्हारी पत्नी भी वोट नहीं देगी. यह बात हसनूराम के दिल में चुभ गई. उन्होंने फतेहपुर सीकरी विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा और 171711 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे. वो तभी से लगातार चुनाव लड़ रहे हैं
हसनूराम आंबेडकरी अकेले ऐसे प्रत्याशी हैं, जो हर बार हार की हसरत लेकर चुनाव मैदान में उतरते हैं. वो हारने के लिए वोट मांगते हैं. वो कहते हैं कि अगर आप चुनाव जिताने के लिए अपना वोट देना चाहते हैं, तो किसी भी प्रत्याशी को वोट दें. उन्होंने बताया कि पहले मैं मजदूरी और मनरेगा से मिलने वाले रुपयों को जमा करके चुनाव लड़ता था. मुझे दो साल में दस हजार रुपए किसान सम्मान निधि से मिले हैं, जो मैंने अपने परिवार से छिपा कर रखे थे. उसी रकम से मैं इस बार का चुनाव लड़ रहा हूं.
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