आगराः जिले के बाह पिनाहट ब्लॉक क्षेत्र से सटी चंबल नदी में बाढ़ का संकट पैदा हो गया है. कोटा बैराज राजस्थान से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद से नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 4 मीटर ऊपर बह रहा है. पिनाहट घाट पर नदी का जलस्तर 134 मीटर के करीब पहुंच गया है. तटवर्ती इलाकों के गांव में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. 24 से अधिक गांव में बाढ़ का संकट है. 12 गांवों के रास्तों पर पानी भर जाने से संपर्क टूट गया है. प्रशासन ने ग्रामीणों के आवागमन के लिए स्ट्रीमर संचालित किए हैं. बाढ़ के कारण लोगों के जीवन पर संकट आ गया है. फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं.
बुधवार को चंबल क्षेत्र में बाढ़ का जायजा लेने पहुंचे जिलाधिकारी आगरा प्रभु नारायण सिंह ने बताया कि कोटा बैराज से छोड़े गए पानी से चंबल का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और वह 135 मीटर से ऊपर जा सकता है. तटवर्ती इलाकों के निचले गांव के लोगों में प्रशासन द्वारा अलर्ट सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की मुनादी कराई गई है. प्रशासन की टीमें लगातार तटवर्ती इलाकों के गांव में व्यवस्थाओं को लेकर लगी हुई हैं. जल स्तर पर लगातार निगाह रखी जा रही है, लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है.
विधायक ने लिया जायजाःबाढ़ क्षेत्र का जायजा लेने पहुंचीं विधायक रानी पक्षालिका सिंह ने कहा कि हर वर्ष चंबल नदी में बाढ़ की स्थिति बन जाती है. राजस्थान के कोटा बैराज के अधिकारियों को एकदम पानी छोड़ने का निर्णय नहीं लेना चाहिए. धीरे-धीरे कम मात्रा में पानी छोड़ा जाए तो शायद बाढ़ के हालात नहीं बनेंगे और लोगों को परेशानी नहीं होगी.
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भारी बारिश के चलते बने बाढ़ के हालातःगौरतलब है कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में भारी बारिश के चलते चंबल नदी के गांधी सागर बांध, राणा सागर बांध, जवाहर सागर बांध में पानी बढ़ गया है. जिसके बाद भारी मात्रा पानी डिस्चार्ज होने से राजस्थान के कोटा बैराज का जलस्तर हाई लेवल पर पहुंच गया, जिसके बाद रविवार और सोमवार को तीन बार में बैराज के 14 गेट खोल कर चंबल नदी में करीब 12 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इससे नदियां उफान पर आ गईं.