आगरा: जिले में डेंगू, मलेरिया और वायरल इंफेक्शन कहर ढा रहे हैं. सरकारी और निजी अस्पताल मरीजों से भरे हुए हैं. ऐसे में अब मरीजों में डेंगू के D2 स्ट्रेन की पुष्टि होने से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है. डेंगू के डी टू स्ट्रेन की वजह से मरीज का खून गाढ़ा हो रहा है. इनमें बडे और बच्चे शामिल हैं. ईटीवी भारत ने इसको लेकर सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबॉयोलॉजी लैब के सहायक प्रो. विकास कुमार गुप्ता और वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज यादव से विशेष बातचीत की. दोनों ने कहा कि डेंगू का यह बेहद ही खतरनाक स्ट्रेन है. इसमें लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए.
जानकारी देते डॉ. विकास कुमार बता दें कि पड़ोसी जिला फिरोजाबाद और मथुरा के बाद आगरा में भी डेंगू का कहर बढ़ रहा है. बीते दिनों आगरा में डेंगू के डी टू स्ट्रेन की वजह से मरीजों में अलग-अलग लक्षण सामने आ रहे हैं. कई बच्चे ऐसे सामने आए हैं, जिन्हें एक दिन ही बुखार आया. इसके बाद बुखार नहीं आया. बुखार ठीक होने पर परिजनों ने इलाज नहीं कराया. मगर, तीसरे दिन बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ गई. ऐसे ही बड़े मरीजों में भी अलग-अलग लक्षण सामने आ रहे हैं.
आगरा में बढ़ रही डेंगू के मरीजों की संख्या एसएनएमसी की माइक्रोबायोलॉजी लैब के सहायक प्रो. विकास कुमार गुप्ता ने बताया कि यूपी सरकार के निर्देश पर आगरा और मथुरा जिले के मरीजों की जांच एसएनएमसी की माइक्रोबॉयलोजी लैब में हो रही है. इसके साथ ही प्राइवेट लैब में डेंगू संक्रमित मरीज की जांच की स्क्रीनिंग भी हम करते हैं. हर दिन 250 से 300 सैंपल की हम जांच कर रहे हैं. डेंगू वैसे सात से दस दिन में ठीक हो जाता है. मगर डेंगू के डी टू स्ट्रेन में मरीज को तेज बुखार के साथ ही चार से पांच दिन में मरीज के शरीर में ब्लीडिंग स्टार्ट हो जाती है. 13 सैंपल में डेंगू के डी टू स्ट्रेन मिला है. इसमें सबसे छोटा बच्चा छह साल का है. सबसे बड़े मरीज की उम्र 45 साल है.
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एसएनएमसी के वरिष्ठ बाल रोग विभाग के डॉ. नीरज यादव का कहना है कि डेंगू के डी टू स्ट्रेन में अलग-अलग लक्षण मिल रहे हैं. एक ही दिन बुखार आने के बाद तीसरे दिन बच्चों का शरीर अकड़ रहा है. उन्हें बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है. यह डेंगू के डी टू स्ट्रेन की वजह से हो रहा है. क्योंकि, डेंगू के डी टू स्ट्रेन की वजह से कैपेलरी लीकेज हो गया. इसमें ब्लड गाढ़ा हो जाता है. इससे बच्चे की हालत गंभीर हो जाती है और यदि बच्चे को समय पर इलाज नहीं मिला तो बच्चे की मौत की संभावनाएं अधिक रहती हैं. इसके साथ ही बच्चों में तेज बुखार आता है. बच्चों के पेट में दर्द की भी शिकायत सामने आ रही है. सिर में और मांस-पेशियों में भी दर्द हो रहा है. हेपिटाइटिस के भी लक्षण सामने आ रहे हैं.
डेंगू के यह हैं स्ट्रेन
- डी वन: तेज बुखार और प्लेटलेट काउंट कम होना.
- डी टू और डी थ्री: डेंगू हैमरेजिक फीवर में रक्तस्राव और शॉक.
- डी फोर: तेज बुखार और शरीर में दर्द होना.
इन बातों का रखें ख्याल
- बुखार आने पर डॉक्टर से परामर्श व दवा लें.
- बुखार उतरने पर दवाएं लेना बंद न करें.
- उबालने के बाद सामान्य होने पर पानी पिएं.
- दाल, सलाद, हरी सब्जी और फल खूब खाएं.
- नारियल पानी पिएं और फलों का जूस भी पिएं.
ऐसे टूटेगी चेन
- घर और आसपास साफ सफाई रखें.
- हर दिन कूलर का पानी बदलते रहें.
- घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
- जहां जल भराव है, वहां पर केरोसिन डालें.
- घर में मच्छरों को न पनपने दें.
- बच्चे और बड़े फुल आस्तीन के कपडे पहनें.
आगरा में बुखार के चलते 14 दिन में 26 लागों की मौत हुई है. पिनाहट ब्लॉक में सर्वाधिक आठ, बाह ब्लॉक में पांच, फतेहपुर सीकरी में चार मरीजों की मौत हुई है. इसके साथ ही सरकारी रिकॉर्ड में एक बुजुर्ग महिला की डेंगू से मौत भी हुई है.